सोंधी खुशबू वाला मथुरा का पेड़ा नहीं खाया तो क्या खाया
मथुरा के पेड़े की एक खासियत यह होती है कि, ये पेड़े आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, क्योंकि बिना किसी रसायन का प्रयोग किए इन्हें पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है
Seema Sharma 12 March 2019 6:20 AM GMT
मथुरा। पेड़े का स्वाद सभी को पसंद होता है। पेड़े का नाम सुनते ही मथुरा के स्वादिष्ट पेड़े याद आते हैं। खाने में जितने स्वादिष्ट मथुरा के पेड़े होते हैं वो कहीं और के नहीं होते। मंदिरों, वन-उपवन, गीत-संगीत, नृत्य और कला के बीच मथुरा की एक और खासियत है जो इसे सबसे अलग करती है वो है यहां की मिठास। जब कोई मथुरा आता है तो श्रीकृष्ण के दर्शन के बाद मथुरा के पेड़े जरूर खरीदता है। मथुरा के मंदिरों में ठाकुर जी महाराज का भोग पेडे़ से ही लगाया जाता है और जन्माष्टमी के उपवास का खण्डन भी पेड़ा खा कर किया जाता है।
ये भी पढ़ें: 'साठ हज़ार दहेज की मांग सुनकर पिता ने बंद कर लिए कान ' - Folk Studio
भारत के प्रत्येक इलाके के पेड़े अपने खास स्वाद, सामग्री और गुण के आधार पर स्थानीय लोगों में मशहूर हैं, लेकिन लंबे समय तक चलने वाला और अपने लजीज स्वाद के लिए मशहूर मथुरा का पेड़ा कहीं नहीं मिलता है। मथुरा के स्वादिष्ट पेड़े का स्वाद विदेशियों को भी भाने लगा है। अब विदेशों से मथुरा के पेड़ों के लिये ऑनलाइन ऑर्डर करने की सुविधा भी शुरू हो गयी है।
मथुरा के पेड़े की एक और खासियत यह है कि ये पेड़े आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, क्योंकि बिना किसी रसायन का प्रयोग किए इन्हें पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है। इसे बनाने में ना तो ज्यादा समय लगता है और ना ही ज्यादा सामग्री। पेड़े बनाने की सभी सामग्री आसानी से मिल जाती है। आज गांव कनेक्शन के इस वीडियो में हम आपको यह बताएंगे कि यह पेड़े तैयार कैसे होते हैं। खोया, चीनी, केसर और इलायची से बनने वाला यह पेड़ा कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है।
ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ के इस गांव में है तीरंदाजी की नर्सरी, निशाना देख आप भी कहेंगे वाह
सबसे पहले दूध को उबालकर उसका मावा बनाते हैं फिर उस मावे को ठंडा करने के लिए रख देते हैं। अच्छे से ठंडा हो जाने को बाद उसमें शक्कर, इलायची और केसर डालकर उसे भूना जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग एक से डेढ़ घंटा लगता है। इसके बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है। ठंडा होने के बाद भुने हुए खोये को हाथों से पेडे़ का आकर दिया जाता है। जब पेडे़ पूरी तरह तैयार हो जाते हैं तो उन पर ददरी शक्कर का पाउडर छिड़का जाता है ताकि पेड़े एक दूसरे से चिपके ना।
#Mathura peda #mathura news #mathura #tasty peda #Swayam Project #swayam Project desk
More Stories