मनीष वैद्य, कम्यूनिटी जर्नलिस्ट।
देवास, मध्यप्रदेश। देवास कलेक्टोरेट में अपने परिवार सहित धरना दे रहे ये आदिवासी दरअसल बीते कुछ महीनों से अपनी मज़दूरी नहीं मिल पाने से बहुत परेशान हैं।
मजदूरों ने आरोप लगाया है कि देवास जिले के एक वन अधिकारी डिप्टी रेंजर के कहने पर उन्होंने भीषण गर्मी और तेज़ धूप में पौधरोपण के लिए कन्नौद क्षेत्र में 12 हजार 420 गड्ढ़े खोदे, डेढ़ महीने का वक्त गुज़र जाने के बाद भी इन्हें इनकी मज़दूरी नहीं मिली। उन्होंने जब अपनी मज़दूरी का पैसा मांगा तो रेंजर ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। उनके पास अब पेट भरने लायक पैसा भी नहीं है।
सोमवार को एसडीएम और वन अधिकारी एसडीओ ने इनके लिए मज़दूरी भुगतान करने का जतन किया। उन्होंने आश्वस्त किया है कि आज ही उन्हें कुछ अग्रिम पेमेंट करा दिया जाए और आचार संहिता ख़त्म होते ही पूरा भुगतान कर दिया जाए।
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देवास में वन विभाग के गड्ढे खोदने वाले मजदूरों को अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद आज लगातार तीसरे दिन भी भुगतान नहीं हो सका। अधिकारियों के मुताबिक वे भुगतान करने को तैयार हैं लेकिन मजदूर पूरा पैसा लेने पर अड़े हैं। इसी बात को लेकर मंगलवार को भी मजदूर धरने पर बैठे रहे।