मनीष वैद्य
कम्युनिटी जर्नलिस्ट
देवास (मध्य प्रदेश)। अभी से पानी की किल्लत शुरू हो गई है, गाँव के लोग तीन किमी. दूर से गाड़ी पर पानी लादकर ले आते हैं। अभी से ये हाल है आने वाले महीनों में और किल्लत होने वाली है।
मध्यप्रदेश के देवास जिले में बागली के पास बेहरी गाँव के लोग अभी से बूँद-बूँद पानी को तरसने लगे हैं। इस गाँव में हालात इतने बदतर हैं कि मोटरसायकिल के पहियों से लोगों ने घर-घर जुगाड़ गाड़ियाँ बना ली हैं और उन्हें खुद हांकते हुए 2 से 3 किमी दूर खेत के कुओं से जैसे-तैसे पानी का इंतजाम करते हैं।
करीब साढ़े तीन हजार की आब्दी वाले इस गाँव में 20 हैण्डपम्प हैं लेकिन ज़्यादातर पानी नहीं दे पा रहे हैं। जलस्तर कम हो जाने से 11 बिल्कुल बंद पड़े हैं तो पांच में तकनीकी दिक्कतें हैं। बचे हुए हैण्डपम्प पर अलसुबह से शाम तक लंबी कतारें लगती है।
कई बार विवाद-झगड़े भी होते रहते हैं। नल जल योजना भी बंद पड़ी है। ग्रामीण अर्जुन दांगी बताते हैं, “लोग अपने संसाधनों से पूरे दिन पानी जुटाने में लगे रहते हैं। कोई सायकिल तो कोई बाइक से पानी की केन टांगकर लाता है। बड़े किसान ट्रेक्टर और बैल गाड़ी पर कोठियाें बांधकर लाते हैं। जिनके पास संसाधन नहीं है, उन्होंने बाइक के पहिए और लकड़ी से जुगाड़ गाड़ियाँ बना ली हैं और इन्हें खींचकर पानी का इंतजाम करते हैं। इनसे एक बार में परिवार के लिए 200 से 250 लीटर तक पानी आ जाता है।