पराली यानि धान की फसल का बचा हुआ अवशेष, आजकल ये किसानों के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई है। किसानों का कहना है अगर वो पराली जलाते हैं तो पुलिस पकड़कर जेल भेज देती है और अगर खेत में उसे मिलाने की कोशिश करते हैं तो जुताई और सिंचाई आदि में डीजल बहुत खर्च होता है। कई जगहों पर किसान पराली को खेत जोतने के बाद एकत्र करवा रहे हैं, जिसमें उन्हें ज्यादा मजदूरी देनी पड़ रही है तो खेत बनाने के लिए 4-5 बार जुताई करनी पड़ रही है जबकि पहले ये काम 2-3 जुताई में हो जाता था। गांव कनेक्शन ने यूपी के लखीमपुर में एक युवा किसान से बात की और उनकी समस्या समझने की कोशिश की.. देखिए वीडियो
इस किसान ने बताया पराली को लेकर क्यों परेशान हैं कई राज्यों के किसान, देखिए वीडियो
पिछले 2-3 वर्षों से पराली को लेकर काफी शोर है। दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है। किसानों को पकड़कर जेल भेजा जा रहा है। किसान खुद भी कहते हैं वो पराली जलाना नहीं चाहते है, लेकिन दूसरे तरीकों से पराली का प्रबंधन करने से खर्च ज्यादा हो रहा है, देखिए कैसे