गो सदन में देखरेख के अभाव में मर रहे पशु

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गो सदन में देखरेख के अभाव में मर रहे पशुgaoconnection, गो सदन में देखरेख के अभाव में मर रहे पशु

खुटार (शाहजहांपुर)। मुख्यालय से लगभग 65 किमी उत्तर दिशा की ओर तहसील पुवायां के विकास खण्ड खुटार में गाँव टाह खुर्द कला में बना ‘‘गो-सदन सिमरा वीरान‘‘ जिसमें एक गोदाम व डाक्टर के बैठने का कमरा बना है। 383 एकड़ जमीन है, फिर भी गौ-वंशीय पशुओं के खान-पान और इलाज की उचित व्यवस्था नहीं हो पाती है। पशु बिना इलाज के ही तड़प-तड़प कर मर जाते हैं।

क्षेत्रीय लोग बताते हैं, “राजा जंगी सिंह की पत्नी रानी तेजकॅुवरि ने गायों की सेवा के लिए 383 एकड़ जमीन दान कर दी थी परन्तु भारी भ्रष्टाचार के चलते गौ-वंशीय पशुओं की उचित देखभाल तो बहुत दूर की बात है। इस जमीन को हथियाने के लिए असरदार लोग तरह-तरह के प्रयास करने लगे। जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली एक कमेटी का गठन भी किया गया है जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी, परगना अधिकारी पुवायाँ व ब्लाक प्रमुख आदि को भी शामिल किया गया परन्तु इसका लाभ गौवंशीय पशुओं को कभी नहीं मिला। हां बीच-बीच में जमीन को खुर्द-बुर्द करने के अनेकों प्रयास जरूर होते रहे क्योंकि 383 एकड़ जमीन पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। तत्कालीन उपजिलाधिकारी पुवायां द्वारा गुपचुप तरीके से कुछ जमीन के पट्टे भी कर दिये थे, जिन्हें बाद में निरस्त किया गया। गो-सदन में एक गोदाम व डाक्टर के बैठने के लिए एक कमरा भी बना हुआ है, जहां डाक्टर कभी बैठते ही नहीं।

‘‘गाँव कनेक्शन‘‘ टीम ने जब वहां जाकर स्थलीय निरीक्षण किया तो पाया कि एक बैल बाड़े के अन्दर बीमार पड़ा तड़प रहा था वहां मौजूद कर्मचारियों से जब डाक्टर का मोबाइल नंम्बर पूछा तो कोई भी कर्मचारी डाक्टर का नम्बर नहीं बता पाया और तो और वहां पर मौजूद किसी भी कर्मचारी सदन के अन्दर पशुओं की संख्या की कोई ठीक जानकारी नहीं थी, यदि कोई जानवर मर जाता है तो उसे गौ-सदन से कुछ ही दूरी पर खुले में फेंक दिया जाता है, जिससे संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बराबर बनी रहती है। 10 एकड़ जमीन पर टाह खुर्द कला के प्रधान ने अपनी फसल बो रखी थी।

वहां मौजूद राशिद, सब्बन व इमामी आदि ने बताया, “उन्हें 3500 रुपये प्रति महीने पगार मिलती है और महीने में हम लोग कोई भी छुट्टी नहीं करते हैं तब भी महीने में चार छुट्टियों का पैसा काट लिया जाता है।” कुल मिलाकर गो-सदन में रहने वाले पशुओं से लेंकर यहां काम करने वाले कर्मचारियों के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं और यहां कोई सुध लेने वाला नहीं है। इस सम्बन्ध में ‘गाँव कनेक्शन’ संवाददाता ने संयुक्त निदेशक/मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. इन्द्रमणि से जानकारी करनी चाही तो उन्होंने कई दिनों तक चक्कर लगवाने के बाद भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी।

रिपोर्टर - पुनीत मिश्रा

 

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