गरीबों का इलाज न करने पर 600 करोड़ रुपए का जुर्माना
गाँव कनेक्शन 13 Jun 2016 5:30 AM GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट और मैक्स सुपर स्पेसियलटी अस्पताल (साकेत) समेत पांच निजी अस्पतालों को गरीबों का इलाज करने से इनकार करने पर 600 करोड़ रुपए का जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है। इन अस्पतालों को गरीबों का इलाज करने की शर्त पर जमीन लीज पर आवंटित की गयी थी।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक (ईडब्ल्यूएस) डॉ. हेमप्रकाश ने बताया, “मैक्स सुपर स्पेसिएलटी (साकेत), फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, शांति मुकुंद अस्पताल, धर्मशिला कैंसर अस्पताल और पुष्पावती सिंघानियां रिसर्च इंस्टीट्यूट को इस शर्त पर सन् 1960 और सन् 1990 के बीच रियायती दरों पर जमीन दी गयी थी कि वे गरीबों का मुफ्त इलाज करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जुर्माना वर्ष 2007 में एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर लगाया गया है। याचिका में मुफ्त इलाज के प्रावधान को लागू करने और दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गयी थी। जुर्माना राशि तद्नुसार तय की गयी है।’’ इन अस्पतालों को नौ जुलाई तक इस जुर्माना राशि को भुगतान करने को कहा गया है, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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