हार्दिक जमानत पर रिहा, आंदोलन जारी रखने का इरादा

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हार्दिक जमानत पर रिहा, आंदोलन जारी रखने का इरादाgaonconnection

सूरत (भाषा)। गुजरात उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल नौ महीने बाद शुक्रवार को लाजपोर जेल से बाहर आए और आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि उन्हें 56 इंच का सीना नहीं, बल्कि अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए।

कहा, 56 इंच का सीना नहीं, बल्कि अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए

जेल से बाहर आकर हार्दिक ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ओबीसी कोटा के तहत अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ‘56 इंच का सीना' संबंधी टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए हार्दिक ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि मुझे ऊंचाई, वजन या 56 इंच का सीना नहीं चाहिए। मुझे तो अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए।''

हार्दिक ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हमारा आंदोलन जारी रहेगा। पटेल समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की हमारी मांग कायम है। आने वाले दिनों में हमारे काम करने के तरीके में बदलाव आएगा लेकिन हमारे तेवर ऐसे ही बने रहेंगे।'' पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से राजद्रोह और विसनगर विधायक के दफ्तर में हिंसा से संबंधित दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद पटेल की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।

राजद्रोह के मामले में जमानत देते हुए अदालत ने यह शर्त लगाई थी कि अगले छह महीनों तक हार्दिक को गुजरात से बाहर रहना होगा। अदालत के आदेश के मुताबिक हार्दिक को जेल से रिहाई के 48 घंटों के भीतर गुजरात छोड़ना पड़ेगा। सूरत में अपने समर्थकों के साथ रोड शो शुरू करने से पहले पत्रकारों से बातचीत में हार्दिक ने सभी पार्टियों को इस आंदोलन का राजनीतिक लाभ नहीं उठाने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले छह महीने हम सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे। हमारी मांग वही है-ओबासी कोटा के तहत आरक्षण। समय आने पर हम देखेंगे कि आंदोलन से हमने क्या खोया और क्या पाया और उसी के बाद उचित प्रतिक्रिया देंगे।'' अपनी रिहाई के लिए अदालत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा हार्दिक ने, ‘‘आने वाले दिनों में हम अपने समुदाय के हित में कोई उचित फैसला लेंगे। समाधान ढूंढ़ने के लिए सरकार के साथ बैठकर बात करने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है।'' अनारक्षित श्रेणी के लिए 10 फीसदी ईबीसी कोटा (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए कोटा) लागू करने के गुजरात सरकार के हाल के फैसले पर टिप्पणी करते हुए हार्दिक ने कहा कि यह अब भी पर्याप्त नहीं है।

 

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