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हिमानी दीवान
हिमानी, पिछले करीब एक दशक से मी़डिया में सक्रिय हैं। प्रिंट के साथ टीवी का अनुभव है।


एक सुसाइड सर्वाइवर की आत्मकथा : अगर मौत मौका नहीं देती, तो ...
एक रात मैं कमरे में गया और मैंने जहर खा लिया। जहर शरीर के अंदर पहुंचते ही मुझे अहसास हुआ कि मैंने कुछ बहुत गलत कर दिया है। मेरी चीख निकली। सोने की तैयारी कर रहे घर वाले मेरे कमरे में आए और मेरे मुंह...
हिमानी दीवान 7 Sep 2019 6:35 AM GMT

गोलमाल तरीकों से क्यों हो गुप्त रोगों की बात?
गुप्त रोग भारत में एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही लोग बगले झांकने लगते हैं। आपस में बात करना तो दूर, लोग डॉक्टर से इस बारे में खुलकर बात नहीं करते। इसे पेशे से जुड़े डॉक्टर्स का कहना है भारत में सेक्स...
हिमानी दीवान 7 Aug 2019 7:11 AM GMT

2020 में दस करोड़ लोगों को नहीं मिलेगा पानी, क्या पानी के लिए जंग लड़ने को तैयार हैं आप?
लखनऊ। खबरें आ रही हैं - पानी का संकट है, हर तरफ सूखा है। रिसर्च कह रही हैं- साल 2020 में सौ मिलियन यानी दस करोड़ लोगों को पानी की कमी से जूझना पड़ेगा। जानकार बता रहे हैं- शासन और लोग दोनों ही कुछ नहीं...
हिमानी दीवान 10 Jun 2019 12:40 PM GMT

क्या गंगा में नहाकर सच में होती है रोगमुक्ति और धुल जाते हैं पाप !
गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है। गंगा मां है। गंगा स्वर्ग से आती है। गंगा में नहाने से रोग मुक्ति हो जाती है। पाप धुल जाते हैं। सिर्फ यही नहीं, गंगा नदी से ऐसी कई कहानियां जुड़ी हैं, जिन्हें सुनते-पढ़ते...
हिमानी दीवान 7 May 2019 6:23 AM GMT

कहानी उस देश की, जो न्यूनतम आय गारंटी मिलने के बाद खत्म होने की कगार पर है
अमेरिकी कलाकार जॉर्ज बर्न्स ने एक बार कहा था- डोंट स्टे इन बेड, अनलेस यू कैन मेक मनी इन बेड। इसका मतलब ये है कि आपको तब तक खाली नहीं बैठना चाहिए, जब तक कि खाली बैठकर आप पैसा ना कमा सकें। न्यूनतम आय...
हिमानी दीवान 19 April 2019 9:30 AM GMT

टोडरमल से होते हुए प्रधानमंत्री तक पहुंच गई फसल बीमा योजना, नहीं हो सका किसानों का बेड़ा पार
किसान फसल को सोचता है। फसल को बोता है। फसल को काटता है। फसल को बेचता है। मगर भारत जैसे देशों में अक्सर बोने और बेचने के बीच उसे ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ जाता है, जिनसे पूरी फसल बर्बाद हो...
हिमानी दीवान 29 March 2019 10:33 AM GMT

वैलेंटाइन डे विशेष: वो आग को शब्द बनाकर इश्क को कागज पर बिछा देते थे
लखनऊ। वो इसी दुनिया के थे, मगर उनकी दुनिया अलग थी। वो एक-दूसरे से दूर थे, मगर उनकी रूह एक थी। उन्हें एक-दूसरे की याद ऐसे आती थी जैसे गीली लकड़ी में से गहरा और काला धुंआ उठता है... और फिर वो आग को शब्द...
हिमानी दीवान 14 Feb 2019 11:15 AM GMT