हृदय रोग विभाग में नहीं कोई डॉक्टर, निजी चिकित्सकों के भरोसे मरीज

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हृदय रोग विभाग में नहीं कोई डॉक्टर, निजी चिकित्सकों के भरोसे मरीज

इटावा। डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय में दिल की बीमारी से संबंधित कोई भी चिकित्सक नहीं मौजूद है। इस कारण यहां आने वाले मरीजों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

आम आदमी में बढ़ते तनाव के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में मरीज जिला अस्पताल का रुख करते हैं ताकि उनका इलाज हो सके, लेकिन बगैर हृदय रोग चिकित्सक के जिला अस्पताल में जब वो आता है तो उसके हाथ दवा नहीं मायूसी लगती है।

कुमैरा गाँव के निवासी गुलाब सिंह को काफी दिनों से घबराहट हो रही थी। जीने चढऩे में भी हंफनी आ रही थी। इस रोग को दिखाने के लिए जब वे जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां पर मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें पेेट में बनने वाली गैस की दवा दे दी। दो दिन तक जब उनकी घबराहट नहीं सही हुई तो उन्होंने प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया तो उनको पता चला कि उन्हें हृदय की बीमारी है। गुलाब सिंह बताते है, ''अधिकतर छत से जीने से उतरते समय काफी सांस फूलने लगती थी, घबराहट होती थी। जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया तो बताया कि गैस के कारण ये हो रहा है। इसके बाद दो दिन दवा खाई कोई फायदा नहीं हुआ तो मज़बूरन प्राइवेट डॉक्टर को दिखाना पड़ा।"  

डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय के निर्माण के दौरान ही यह व्यवस्था की गई थी कि एक ही छत के नीचे महिला, पुरुष एवं बच्चों का उपचार हो जायेगा। अस्पताल परिसर में हृदय रोग विभाग की स्थापना के साथ ही आईसीयू कक्षों का भी निर्माण कराया गया था। पहले यहां डा. केएस भदौरिया सेवारत थे। उनके अस्पताल छोडऩे के बाद से तो यहां किसी भी हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हुई हैं।

कटरा कुरदल खां निवासी महमूद हुसैन बताते है, ''यहां हृदय रोग विभाग तो बना है पर कभी कोई डॉक्टर नहीं बैठता। कई बार यहां के चक्कर काट-काटकर मैं लौट चुका हूं। अब बाहर किसी डॉक्टर को दिखाने जाना पड़ेगा।"  

कुछ समय पूर्व सैफई स्थित मिनी पीजीआई से अध्यनरत चिकित्सकों की ड्यूटी लगा दी गई थी जो सप्ताह में एक या दो दिन अपनी सेवाएं देते थे, अब उनकी सेवाएं भी बंद होने से ह्रदय रोग विभाग धूल फांक रहा है। सीएमएस डॉ. पालीवाल का कहना है कि उन्होंने चिकित्सकों की पूर्ति के लिये विभाग को लिखा है, जब उन्हें चिकित्सक मिल जायेंगे तो व्यवस्थाएं स्वत: ही सुधर जायेंगी। 

रिपोर्टर - मसूद तैमूरी 

 

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