इलाज की राह देख रहा एम्स ओपीडी

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इलाज की राह देख रहा एम्स ओपीडीgaonconnection

मुंशीगंज (रायबरेली)। पिछली सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल का निर्माण  बीच में ही रुक गया है। हालत यह है कि एम्स अस्पताल के ओपीडी की छत जर्जर हो गई है, दीवारों पर लगें टाइल्स उखड़ रहे हैं और जगह-जगह पर ओपीडी परिसर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां और कचरे के ढेर लगे हैं।

एम्स अस्पताल परिसर से महज़ 500 मीटर की दूरी पर स्थित गाँव सुल्तानपुर आईमा के सुशील कुमार त्रिवेदी (56 वर्ष ) बताते हैं, '' जब यहां ओपीडी भवन का निर्माण शुरू हुआ, तो आसपास के गाँवों के लोगों को इस बात की खुशी थी कि अब हमें इलाज के लिए रायबरेली शहर नहीं जाना पड़ेगा पर जब से यह भवन तैयार हुआ है, तब से इसमें ताला लटक रहा है।"

स्थानीय लोगों के मुताबिक ओपीडी तैयार हो जाने के बाद इसके निरीक्षण के लिए यहां कई बार सरकारी टीमों ने दौरा किया पर इसके बावजूद ओपीडी की जर्जर हालत नहीं सुधरी है। अधूरे निर्माण कार्य के कारण खाली पड़ा ओपीडी कक्ष गाँव के बच्चों का खेल का मैदान हो गया है।

हाल ही में अपने दो दिवसीय दौरे पर आई रायबरेली सांसद सोनिया गांधी ने एम्स में रुके हुए निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा है। इसके अलावा सरकार के निर्देशानुसार रायबरेली डीएम और उनकी टीम अप्रैल में एम्स की निगरानी कर निर्माण रिपोर्ट सरकार को भेज दी है।

एम्स के निर्माणाधीन ओपीडी के बारे में रायबरेली ज़िले के डीएम जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार बताते हैं,  ''एम्स के लिए स्थाई ओपीडी भवन दरियापुर क्षेत्र में बनाया जाना स्वीकृत हुआ है। सरकार से ओपीडी शुरू किए जाने की सूचना के बाद ही बचे हुए काम पूरे किए जाएंगे। अभी फिलहाल अस्पताल के हॉस्टल और कालोनियों के निर्माण का काम जारी है।"

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

 

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