‘हमें गर्व है कि हम इस बुज़ुर्ग की मदद कर पाए’
Ashwani Kumar Dwivedi 30 Aug 2017 4:08 PM GMT

लखनऊ। अपने ही जमापूंजी न मिलने से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की गुहार लगा चुके बुजुर्ग दंपत्ति को आखिरकार शनिवार को बड़ी राहत मिली।
गाँव कनेक्शन में दंपत्ति की खबर छपने के बाद बैंक मैनेजर ने न सिर्फ पांच लाख रुपये का उनका पैसा दंपत्ति को चेक के जरिए दिया, बल्कि अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने दंपत्ति की मदद को हाथ आगे बढ़ाए हैं।
अपनों से ही धोखा खाए मूल रूप से लखनऊ जनपद के गाँव गौरभीट के निवासी 90 वर्षीय बिहारी अपनी 80 वर्षीय पत्नी के साथ किराए के घर में रहते हैं। बुजुर्ग बिहारी ने सहारा के एजेंट के कहने पर अपने जीवन की कुल जमा पूंजी पांच लाख रुपए सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में जमा करा दिया था। मगर पैसे निकलवाने की बात पर एजेंट मनोज सिंह ने एक साल की अवधि पूरी होने के बाद मिलने की बात कही। जब-जब बुजुर्ग दंपत्ति ने पैसे निकालने के लिए गुहार लगाई तब उनसे टालमटोल कर जवाब दिया गया।
बुजुर्ग बिहारी ने जिलाधिकारी से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक सबको पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने पत्र में लिखा कि सरकार हमारी मदद नहीं कर सकती तो इच्छामृत्यु ही दे दे।
आखिरकार बुजुर्ग दंपत्ति का संघर्ष काम आया और शनिवार को सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक संजय श्रीवास्तव और क्षेत्रीय प्रबंधक खालिद ने कार्यालय में सभी कर्मचारियों की मौजूदगी में बुजुर्ग बिहारी को जमा धनराशि का चेक के जरिए भुगतान किया।
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बुजुर्ग बिहारी ने गाँव कनेक्शन का आभार व्यक्त किया। खबर छपने के बाद समाजसेवी शशिकांत पांडेय और बहुजन समाज पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट ललित तिवारी गायत्रीनगर बुजुर्ग बिहारी के घर पहुचे और उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की चीजें व राशन मुहैया कराया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
वहीं, एडीएम प्रशाशन एलडीए आनंद अग्रवाल के प्रतिनिधि दिनेश त्रिपाठी भी बुजुर्ग बिहारी का हाल पूछने पहुंचे। सरकारी प्रतिनिधि से बुजुर्ग बिहारी ने एक छोटा सा आवास और पेंशन के दिलाने केकिये प्रार्थना की। जिस पर एडीएम प्रतिनिधि ने बुजुर्ग बिहारी की बात को अधिकारी तक पहुंचाने का वचन देने के साथ प्रशाशन द्वारा भेजे गए 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मौके पर दी।
कराएंगे पत्नी का इलाज
बुजुर्ग बिहारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “अब हम अपनी पत्नी को बचा लेंगे, सबसे पहले अपनी पत्नी की बीमारी का इलाज कराऊंगा और अब रोज सुबह पीठ पर गुल्लक लादकर गुल्लक बेचने सेमुक्ति मिल गई, पूरी जिंदगी संघर्ष करते करते बीत गयी ,लेकिन अब मेरे अच्छे दिन आ गए हैं।“
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