इन बच्चो ने सीमित संसाधनों में भी किया ये करिश्मा

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इन बच्चो ने सीमित संसाधनों में भी किया ये करिश्माgaonconnection

अमानीगंज (फैजाबाद)। सुविधाओं के अभाव में भी गाँव के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं, अमानीगंज ब्लॉक के कई बच्चों ने विद्याज्ञान परीक्षा उर्त्तीण कर अपने गाँव का नाम रोशन किया है।

हर साल शिव नाडर फाउंडेशन संस्था प्रदेश के कई जिलों में परीक्षा कराती है। इस परीक्षा में केवल परिषदीय स्कूलों के बच्चे ही भाग ले सकते हैं। जिसमें प्रत्येक जिले से चयनित 10 बच्चे जिन्हें कक्षा छह से 12 वीं तक शिक्षा, खाना रहना मुफ्त देने की जिम्मेदारी संस्था की होती है। 

फैजाबाद जिले के 23 बच्चों ने इस बार विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा दी थी। जिसमें से चार बच्चों ने ये परीक्षा उर्त्तीण की है। अमानीगंज ब्लॉक के गद्दोपुर गाँव के किसान राकेश कुमार के बेटी कोमल चौहान (12 वर्ष) ने भी परीक्षा उर्त्तीण की है। राकेश कुमार बताते हैं, “हमारी बेटी यहीं प्राथमिक विद्यालय में ही पढ़ती थी, घर पर ही हम लोग ध्यान देकर पढ़ाते हैं। अगर वहां एडमिशन हो जाएगा तो बहुत अच्छा होगा।”

इस बार संस्था द्वारा नियमों में परिवर्तन भी किया गया था। इस प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा में प्रत्येक न्याय पंचायत के वही मेधावी छात्र-छात्रा प्रतिभाग कर सकते हैं, जिन्होंने नियमित पूरे तीन सालों की पढ़ाई परिषदीय स्कूल से की हो और अपनी मेधा का परिचय दिया हो। साथ ही अपनी-अपनी न्याय पंचायत से कक्षा पांच में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हो। जिनमें से केवल 10 बच्चे चयनित होंगे, जिसमें से छह बालक और चार बालिकाएं विद्या ज्ञान स्कूल में प्रवेश पा सकती हैं। शुकुलपुर धौरहरा गाँव के रामजीत भारती के बेटे ओम भारती (12 वर्ष) ने भी परीक्षा उर्त्तीण की है। रामजीत भारती बताते हैं, “विद्याज्ञान परीक्षा के लिए फार्म स्कूल से ही मिल गया था, विद्याज्ञान में पढ़ायी करने से उसका भविष्य बन जाएगा।” 

इनके साथ ही दुल्हन का पुरवा गाँव के मनीष कुमार और तुलसनपुर के रवि कुमार ने भी इस परीक्षा में सफल हुए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के 75 जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों के 1,00,000 से भी अधिक प्राथमिक विद्यालयों में से प्रत्येक वर्ष 600 मेधावी विद्यार्थियों को चयनित कर उन्हें विश्वस्तरीय उत्कृष्ट श्रेणी की आवासीय शिक्षा नितान्त निःशुल्क प्रदान की जाती है। साल 2009 में विद्याज्ञान अकादमी की शुरुआत की गयी थी। इसके दो परिसर बुलन्दशहर और सीतापुर में हैं। वर्तमान में दोनों परिसर में 1600 से अधिक मेधावी प्रतिभाशाली विद्यार्थी आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 

स्वयं वालेंटियर: पल्लवी चौहान

स्कूल: हरिश्चन्द्र महाविद्यालय 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

 

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