इंदौर की 2,500 महिलाएं खुद की कंपनी से बेचती हैं ऑनलाइन अनाज
गाँव कनेक्शन 6 April 2016 5:30 AM GMT
इंदौर। देवास जिले की बागली तहसील के 100 से अधिक गांवों के ढाई हजार किसान अब अपना अनाज इंदौर की मंडी, साहूकार याव्यापारियों को नहीं बेचते। क्योंकि उनकी पत्नियों ने खुद की कंपनी जो बना ली है। यह कंपनी एनसीडेक्स यानि नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर अनाज का सौदा ऑनलाइन करती है। यहां इन्हें मंडी और सरकार के समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत भी मिलती है। 2012 में कुछ महिलाओं द्वारा शुरू किए गए ग्रुप ने आज राम-रहीम किसान उत्पादक कंपनी का रूप ले लिया है। अब 2500 महिला सदस्य इसकी स्टॉक होल्डर हैं। बोर्ड में भी अधिकांश सदस्य महिलाएं ही हैं। कुछ पुरुषों को कामकाज संभालने के लिए रखा हुआ है।
ऐसे काम करती है कंपनी
कुछ समय पहले तक यहां के छोटे किसान जिनकी उपज 5 या 10 क्विंटल तक होती है, वो मजबूरी में स्थानीय साहूकार या व्यापारियों को कम दाम में उपज बेच देते थे। यहां इन्हें उपज का ज्यादा दाम नहीं मिल रहा था। दिल्ली यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट अनिमेष मंडल यहां सामाजिक काम के लिए आए और उन्होंने गांवों में महिलाओं के छोटे स्वयं सहायता समूह बनाकर खेती से जुड़े कुछ काम किए। सभी समूहों को मिलाकर वर्ष 2012 में राम-रहीम किसान उत्पादक कंपनी बनाई। 2013 में कर्नाटक के इंजीनियर राघव राघवन भी इससे जुड़ गए। इन्होंने एनसीडेक्स से चर्चा कर कंपनी को उसमें रजिस्टर्ड कराया और इसके बाद अनाज के ऑनलाइन सौदे शुरू किए। किस मूल्य पर सौदे करना है, यह महिलाओं के बहुमत वाल बोर्ड तय करता है। कंपनी ने हर गांव में अनाज संग्रहण केंद्र बनाया है। कंपनी की सदस्य महिलाएं अपना गेहूं तुलवाकर यहां जमा करवा देती हैं। कंपनी फिर ऑनलाइन सौदे करती है। अनाज बिक्री के बाद कंपनी की बोर्ड बैठक होती है। इसमें कंपनी के खर्च निकाल पूरी राशि अनाज के अनुपात में किसानों को बांट दी जाती है।
More Stories