इंडोनेशिया में पाम का उत्पादन घटा, महंगा हो सकता है खाद्य तेल

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इंडोनेशिया में पाम का उत्पादन घटा, महंगा हो सकता है खाद्य तेलGaon Connection

लखनऊ। दुनियाभर में पाम ऑयल के सबसे बड़े उत्पादक देश इंडोनेशिया में फरवरी के दौरान पाम ऑयल का उत्पादन एक साल के निचले स्तर तक आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके चलते पूरी दुनिया में पाम ऑयल के दामों में उछाल आ सकता है, जिसका सीधा असर भारत में खाद्य तेल की कीमतों पर भी पड़ेगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक फरवरी के दौरान इंडोनेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन 23 लाख टन रहने का अनुमान है जो फरवरी 2015 के बाद सबसे कम मासिक उत्पादन होगा। जनवरी के दौरान इंडोनेशिया में 24.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। "इंडोनेशिया पाम ऑयल के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातकों में से एक है। वहां ऐसी स्थिति का मतलब है कि ग्लोबल रेट्स में उछाल आएगा। अब क्योंकि भारत अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पाम ऑयल के आयात पर बहुत निर्भर है तो बढ़े दामों का असर देश में ज़रूर देखने को मिल सकता है," कृषि अर्थशास्त्री डॉक्टर आरके सिंह ने गाँव कनेक्शन से कहा।

दूर देश में होने वाले इस बदलाव का भारत के बाज़ार में  इसलिए फर्क पड़ेगा क्योंकि भारत में खाद्य तेल की कुल खपत अधिक है और उत्पादन काफी कम होता है। देश की आवश्यकता की पूर्ति विदेशों से ही 50 प्रतिशत खाद्य तेल आयात करके की जाती है। इस आयातित तेल में पाम तेल प्रमुख है। इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन के मुताबिक इस साल वहां पर पाम ऑयल का उत्पादन घटकर 321 लाख टन होने का अनुमान है और साल 1998 के बाद पहली बार उत्पादन में कमी आएगी। घरेलू बाज़ार पर पड़ने वाले असर के बारे में लखनऊ के जिंस व्यापारी विनोद अग्रवाल बताते हैं, "इंडोनेशिया में अगर उत्पाद बहुत कम भी हो जाए तो भी इतना अंतर नहीं आता तेल के दामों पर लेकिन यह बात आदर्श स्थिति में होती है। जो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं पाम व्यापार से जुड़े, वो दाम ज़बरदस्ती बढ़ा देते हैं, फ्यूचर ट्रेडिंग के ज़रिए"।

विनोद के अनुसार दलहन की तरह छोटे व्यापारी तेल की जमाखोरी करके इसके दाम नहीं बढ़ा सकते क्योंकि इसके भण्डारण के लिए टैंकर वगैरह के बहुत लंबे इंतेज़ाम करने पड़ते हैं।

इंडोनेशिया के अलावा पाम ऑयल के दूसरे बड़े उत्पादक देश मलेशिया में भी फरवरी के दौरान इसके उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है साथ में निर्यात भी करीब 15 फीसदी घटा है।

इंडोनेशिया में उत्पादन तो कम होने जा ही रहा है इसके साथ पाम ऑयल की वहां खपत में भी इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहां की सरकार ने बायो फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल और डीजल में 20 फीसदी बायो फ्यूल को मिलाने का कानून बनाया है और 2020 तक इस कानून के तहत पेट्रोल और डीजल में 30 फीसदी बायो फ्यूल को मिलाना जरूरी होगा। बायो फ्यूल तैयार करने के लिए इंडोनेशिया में पाम ऑयल की ही खपत होती है।

देश में क्यों बढ़ रहा खाद्य तेल का अयात

कृषि विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में खाद्य तेलों की घरेलू खपत काफी बढ़ गई है। वर्ष 2011-12 में 18.90 लाख टन के स्तर को छुआ है। वनस्पति तेलों की प्रति व्यक्ति खपत के साथ सवा अरब की अनुमानित आबादी के लिए 16 किलो प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति की दर से कुल वनस्पति तेलों की मांग 2017 तक दो करोड़ चार लाख टन छूने की संभावना है।

 

 

 

 

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