इंजीनियरिंग के छात्र ने बनाई सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल

Swati ShuklaSwati Shukla   12 March 2016 5:30 AM GMT

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इंजीनियरिंग के छात्र ने बनाई सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिलगाँवकनेक्शन

लखनऊ। गोमती नगर के आईआईए भवन में प्रदेश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा प्रदर्शनी चल रही है। इस प्रदर्शनी में 50 से अधिक कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इस प्रदर्शनी में बी टेक के 24 साल के छात्र उमर का भी एक स्टॉल है, और ये हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेकिन इस आकर्षण की वजह कोई हाईटेक डिवाइस नहीं बल्कि उमर की बनाई एक ख़ास साइकिल है।

ख़ास इसलिए क्योंकि ये साइकिल सोलर एनर्जी यानि सौर ऊर्जा से चलती है। उमर ने अपनी बी टेक की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही सौर ऊर्जा से चलने वाली इस साइकिल को बनाया है। लखनऊ के नक्खास के रहने वाले उमर बताते हैं, ''मैं इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, जब मेरे मन में सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बनाने का ख्याल आया। कॉलेज से घर आने के बाद मैं रोज़ाना एक से दो घंटे तक इस साइकिल पर काम करता था।'' उन्होंने बताया, ''पहले सिर्फ़ सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बनाई थी लेकिन उसके बाद इसे इलेक्ट्रॉनिक से चलने के भी काबिल बनाया। इस साइकिल को बनाने में उमर को तीन साल लगे। इस साइकिल को बनाने का पूरा खर्चा सिर्फ़ तीन हज़ार है।''

सौर ऊर्जा साइकिल की खासियत

इस साइकिल की खास बात यह है कि यह सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक दोनों से चार्ज हो सकती है। इसकी टॉप स्पीड 10-30 किलोमीटर प्रति घंटा है। साइकिल के पीछले हिस्से में सोलर पैनल लगे हैं।

उमर के पिता शोएब (50 साल) बताते हैं, ''जब उमर साइकिल बनाता था तब हमको लगता था कि ये अपना समय बेकार कर रहा है पर आज लगा इसने कुछ अच्छा काम किया है, जिससे बहुत से लोगों को फायदा होगा।''

प्रमुख सचिव अलोक रंजन ने उमर के इस अनोखे काम की तारीफ़ की और सौर ऊर्जा से चलने वाली इस साइकिल को और दूसरी प्रदर्शनियों में भी ले जाने के लिए कहा। सौर ऊर्जा उत्पादन में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका है। दरअसल साल 2022 तक सूबे में पूरे देश के लक्ष्य की दस फीसद से अधिक और उत्तर भारत की एक तिहाई से ज्यादा सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य है जिसे पूरा करना है।

 

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