इस साल देश के 10 राज्यों में सूखे की आशंका

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इस साल देश के 10 राज्यों में सूखे की आशंकाgaon connection, गाँव कनेक्शन

जसवंत सोनकर

लखनऊ। जल संसाधन मंत्रालय की मानें तो इस साल गर्मी में देश के 10 राज्यों में सूखा पड़ सकता है।

इन राज्यों में पड़ सकता है सूखा  

-उत्तर प्रदेश

-झारखंड

-छत्तीसगढ़

-पश्चिम बंगाल

-बिहार

-महाराष्ट्र

-तमिलनाडु

-कर्नाटक

-केरल

-मध्य प्रदेश

बुंदेलखंड में अभी से पानी की किल्लत

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में फरवरी और मार्च महीने से पानी का संकट शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के सात जिलों के लोग अभी से ही पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। और जान बचाने के लिए दूसरे ज़िलों में पलायन कर रहे हैं।

बुंदेलखंड के सूखे से प्रभावित ज़िले

-बांदा

-चित्रकूट

-हमीरपुर

-महोबा

-झांसी

-ललितपुर

-जालौन

भू-जल स्तर गिरने से स्थिति और भी भयावह हो चुकी है। ललितपुर जिले की स्थिति खतरनाक हो चुकी है। जिले में 10 डैम हैं, लेकिन नहरें सूखी पड़ी हैं। क्षेत्र में पेयजल संकट की हालत यह है कि लोगों को पीने के पानी के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है।

महोबा के चार बड़े बांध सूखने की कगार पर हैं। झांसी में भी स्थिति बुरी है। रानीपुर इलाके में बहने वाली सुखनई नदी सूख गई है। पडरा में तीन हजार कुओं में पानी नहीं होने से सिंचाई और पेयजल संकट बढ़ गया है। 

सूखे से राहत के लिए कोई कारगर उपाय नहीं

बुंदेलखंड में सूखा और पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है लेकिन दोनों सरकारों के क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने और सूखे से निपटने के ठोस उपाय नहीं हैं। प्रदेश सरकार बुंदेलखंड के साथ ही सूबे में मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान चला रही है। योजना को चालू हुए करीब सात महीने हो चुके हैं। मनरेगा के तहत जल बचाने के लिए 34,242 तालाबों को चयन किया गया था। 31,968 वर्क आईडी जनरेट हुईं। 25,678 तालाबों की खुदाई का कार्य किया गया, लेकिन इसके चयन में बुंदेलखंड की आबादी और क्षेत्र में पेयजल किल्लत को देखते हुए ठोस कदम नहीं उठाए गए।

जनगणना 2011 के मुताबिक बुंदेलखंड के सात जिलों को झांसी, जालौन, चित्रकूट, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर और बांदा की आबादी 95 लाख है। इतनी बड़ी आबादी के बावजूद महज 2,043 तालाब चयनित किए गए। इनमे 1,852 तालाबों को चिहिन्त किया गया, जिसमें से 29 फरवरी 2016 तक 1,428 तालाब पूर्ण हो चुके हैं।

पीने के पानी की होगी दिक्कत

जल संसाधन मंत्रालय के मुताबिक़ इस साल गर्मी में सिंचाई के साथ-साथ लोगों को पीने के पानी की किल्लत से भी दोचार होना पड़ सकता है। जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ देश के 91 जलाशयों की हालत बेहद चिंताजनक है। देश के करीब दर्जनभर राज्यों में इस साल भीषण पेयजल का संकट पैदा हो सकता है। सिर्फ़ इतना ही नहीं जलाशयों में जल संग्रहण कम होने से पनबिजली उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। यानि इस बार गर्मी के मौसम में जनता को बिजली कटौती की मुश्किलों से भी दोचार होना पड़ेगा।

जलाशयों में पानी का स्तर घटा

केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के जारी आकड़ों के मुताबिक देश के 91 अहम जलाशयों में 53.35 अरब घन मीटर जल का संग्रहण आंका गया था। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 38% है। जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 78% और पिछले 10 सालों के औसत जल संग्रहण का 76% है। इन महत्वपूर्ण जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है जो देश की अनुमानित संग्रहण क्षमता 253.388 अरब घन मीटर का लगभग 62% है। इन जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं, जिनमे पनबिजली प्लांट से 600 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। 

क्षेत्रवार भंडारण स्थिति

उत्तरी क्षेत्र

उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान आते हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण क्षमता 7.42 अरब घन मीटर है जो कि इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 41 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 38 फीसदी थी।

पूर्वी क्षेत्र

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 अरब घन मीटर की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 9.77 अरब घन मीटर है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 52 फीसदी है। पिछले वर्ष की इस अवधि के दौरान इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 64 प्रतिशत थी।

पश्चिमी क्षेत्र

पश्चिमी क्षेत्र के गुजरात और महाराष्ट्र में 27.07 अरब घन मीटर क्षमता के 27 जलाशय हैं। मौजूदा समय इन जलाशयों में संग्रहण 9.14 अरब घन मीटर है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता का 34 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 54 प्रतिशत थी।

मध्य क्षेत्र

मध्य क्षेत्र में आने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 42.30 अरब घन मीटर की संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं। इन जलाशयों में जल संग्रहण 19.50 अरब घन मीटर है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 46 प्रतिशत है। 

दक्षिणी क्षेत्र

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना (दोनों राज्यों में दो मिश्रित परियोजनाएं) कर्नाटक,  केरल और तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 अरब घन मीटर की संग्रहण क्षमता के 31 जलाशय हैं। इन जलाशयों में संग्रहण 13.51 अरब घन मीटर जल संग्रहण है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 26 प्रतिशत है। जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 37 प्रतिशत थी। 

बुंदेलखंड की स्थिति भयावह

जिला            जनसंख्या        खोदे के गए तालाब

झांसी             20 लाख             42

बांदा              17 लाख             310

महोबा            08 लाख             185

चित्रकूट          09 लाख             501

जालौन           16.70 लाख        178

हमीरपुर          11.40 लाख        177

ललितपुर         12 लाख             35

 

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