जैविक खेती कर औरों को दिखाई राह
गाँव कनेक्शन 12 April 2016 5:30 AM GMT
पटना। कृषि कुछ लोगों के लिए जहां घाटे का सौदा है, वहीं कुछ लोग एैसे भी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर कृषि को एक नई पहचान दी है। ऐसे ही है रोहतास जिले के सासाराम प्रखंड के महद्दीगंज निवासी किसान दिलीप सिंह। वह 60 एकड़ जमीन पर जैविक विधि से सब्जी की खेती कर सालाना लगभग चालीस लाख रुपए कमा रहे हैं। उनकी इस लगन को देखकर और भी किसान उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। दिलीप को अब तक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
जिला मुख्यालय सासाराम के आसपास के मिश्रीपुर, शुंभा, अहरांव, नीमा, तारगंज, भदौरिया, धुआं आदि गाँवों में दिलीप सिंह (42 वर्ष) की खेती फैली है। ये गाँव इनके घर से एक से आठ किमी दूर हैं।
इनकी दिनचर्या सुबह चार बजे से शुरू होकर रात के आठ बजे तक चलती रहती है। दिलीप सिंह ने कहा, “मैं जैविक विधि से खेती करता हूं, जिससे अच्छी पैदावार होती है। हमारा प्याज कोलकाता में अधिक बिकता है। टमाटर, बैगन, मिर्च तथा भिंडी खरीदने के लिए झारखंड, वाराणसी, गाजियाबाद तथा हरियाणा के व्यापारी आते हैं। हम अपनी शर्तों पर अपना उत्पादन बेचते हैं। हमारी 80 प्रतिशत खेती जैविक होती है, जिससे अधिक कीमत के साथ प्राथमिकता के आधार पर उत्पादक बेचता है। बड़े स्तर पर उत्पादन करने से उत्पादन लागत कम होने के साथ देश की बड़ी मंडियों में भेजने में सहूलियत होती है। मेरी 90 प्रतिशत खेती किराये की भूमि पर होती है।”
वह आगे बताते हैं, “हमारी खेती में सब्जी से प्रति एकड़ आय 50 हजार से लेकर 1.25 लाख रुपए तक है। वैसे नफा-नुकसान अच्छी फसल व बाजार में अधिक मूल्य मिलने पर निर्भर करता है।” दिलीप के खेत में प्रतिदिन 50 से अधिक महिला व पुरुष कामगार काम करते हैं। जो प्रतिवर्ष 15 एकड़ टमाटर, बैगन पांच एकड़, मिर्च छह एकड़, प्याज 10 एकड़, मसूर दो एकड़, सरसों तीन एकड़, धान 30 एकड़, गेहूं 10 एकड़, बोक्रली व शिमला मिर्च की खेती करते हैं। मसूर प्रति एकड़ 20 कुंतल, धान 55 से 60 कुंतल तथा गेहूं 18 से 20 कुंतल प्रति एकड़ उत्पादन करते हैं।
दिलीप सिंह बताते हैं, “मैं गेहूं व धान की खेती परंपरागत विधि से करता हूं। धान के एक पौधे से 40 से 90 कल्ले तक निकलते हैं। एक एकड़ बैगन की खेती से आठ से 10 माह तक फल प्राप्त करता हूं, जिससे सवा लाख तक लाभ होता है। मैं बैगन का बीज स्वयं तैयार करता हूंे। देशी बैगन का 100 ग्राम बीज तैयार करने के लिए आठ से 10 बैगन की की जरूरत होती है।”
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