जब अपने ही बलात्कार कर रहे तो पुलिस कैसे मदद करे?

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जब अपने ही बलात्कार कर रहे तो पुलिस कैसे मदद करे?gaonconnection

लखनऊ। बलात्कार, छेड़खानी सहित कोई भी घटना होती है तो लोग पुलिस की लापरवाही पर सबसे पहले उंगली उठाते हैं, लेकिन उन घटनाओं में पुलिस की क्या लापरवाही है, जहां किसी अपने ने ही अपने को हवस का शिकार बना दिया हो।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी रिपोर्ट (भारत में अपराध 2009) के मुताबिक, लड़कियों के साथ उनके ही रिश्तेदारों द्वारा बलात्कार किए जाने की घटना में तीस फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2009 में इस तरह के 404 मामले दर्ज किए गए जबकि 2008 में इस तरह के 309 मामले दर्ज किए गए थे और इनमें पिछले साल के मुकाबले 30.7 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही 21,397 बलात्कार की घटनाओं में 94.9 फीसदी मामलों में पीड़ित लड़की उस व्यक्ति से परिचित थी। आंकड़ों के मुताबिक, सगे संबंधियों के बलात्कार किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे ऊपरी पायदान पर है, जहां वर्ष 2009 में इस तरह के 107 मामले दर्ज किए गए। 

पूरे देश में हुई यौन व्याभिचार की घटनाओं पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में अकेले ऐसे मामलों का प्रतिशत 26.5 रहा। ऐसी 77 घटनाओं के साथ महाराष्ट्र दूसरे पायदान पर रहा, जिसके बाद तीसरे स्थान पर राजस्थान (36 घटनाएं), झारखंड चौथे स्थान (22 घटनाएं), गुजरात पांचवें स्थान पर (18 घटनाएं), हरियाणा छठे स्थान पर (12 घटनाएं) और हिमाचल प्रदेश सातवें स्थान पर (10 घटनाएं) है।

केंद शासित प्रदेशों में दिल्ली का रिकार्ड संदेहास्पद रहा, जहां वर्ष 2009 में इस तरह के 19 मामले दर्ज किए गए। वहीं देश में 21,397 बलात्कार की घटनाएं हुईं, जिसमें पीड़ितों की संख्या 21,413 रही। इनमें से 11.5 प्रतिशत घटनाओं में (2,470 मामले) लड़कियों की उम्र 15 साल से कम थी, जबकि 15 से 18 साल की पीड़ित लड़कियों का प्रतिशत 15.6 रहा। इनमें से चौंकाने वाली बात यह रही कि 20,311 मामलों में लड़कियां उस व्यक्ति को जानती थीं। वर्ष 2013 के दौरान दुष्कर्म के हर 100 पंजीकृत मामलों में से करीब 95 प्रकरणों में महिलाओं को उनके परिचितों ने कथित तौर पर हवस का शिकार बनाया। रिपोर्ट में परत-दर-परत अलग-अलग परिचितों के बारे में बताया गया है। 

एनसीआरबी की रिपोर्ट 2013 के मुताबिक, देश में बलात्कार के कुल 33,707 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 94.4 प्रतिशत यानी 31,807 मामलों में आरोपी पीड़ित महिलाओं के जानने वाले थे। वर्ष 2013 में परिचितों द्वारा दुष्कर्म के 33.9 प्रतिशत मामलों में आरोपी पीड़िताओं के पड़ोसी थे, जबकि ऐसे 7.3 प्रतिशत मामलों में महिलाओं की अस्मत को किसी गैर ने नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदारों ने ही कथित तौर पर तार-तार कर दिया। इस तस्वीर का चिंताजनक पहलू यह भी है कि वर्ष 2013 में सगे-संबंधियों की करतूत का शिकार होने वाली 52.2 प्रतिशत पीड़िताओं की उम्र महज 10 से 18 वर्ष के बीच थी। वर्ष 2013 में परिजन या खून के रिश्तेदारों द्वारा बलात्कार के 536 मामले दर्ज किए गए, जो साल 2012 के ऐसे 392 प्रकरणों के मुकाबले करीब 37 प्रतिशत अधिक हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश में रोजाना 92 महिलाओं के साथ बलात्कार होते हैं। 2013 में देशभर में 33 हजार 700 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था।

केस नंबर एक

27 जून 2009 को गोमतीनगर इलाके में एक पिता ने अपनी सौतली बेटी को हवस का शिकार बना डाला। पीड़िता की नानी की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया।

केस नंबर दो

12 जनवरी 2013 को इंडियन एयरलाइंस में सिक्योरिटी गार्ड ने नौकरी छोड़ने के बाद अपनी पत्नी को देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया। इस हैवान ने दूसरों के साथ उसकी अश्लील वीडियो फिल्म बनायी और इसके बाद रिकार्डिंग का हवाला देकर जिस बेटी को गोद में लेकर खिलाया, उसी की अस्मत को भी नीलाम करने पर अमादा हो गया, लेकिन खुद को नीलाम कर चुकी मां अपनी लाडली की अस्मत बचाने के लिए आगे आई और विकासनगर थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया।

केस नंबर तीन

29 नवंबर 2015 को बंथरा थानाक्षेत्र निवासी एक सगे भाई ने अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया। इस घिनौनी वारदात ने लोगों को झंकझोर कर रख दिया। 

केस नंबर चार

दो फरवरी 2013 को माल थानाक्षेत्र में एक सौतेले पिता ने अपनी 16 वर्षीय बेटी को ढाई माह तक बंधक बनाकर उसकी आबरू लूटी। दरिंदे पिता के चंगुल से किसी तरह मासूम बचकर बाहर निकली और माल थाने पहुंकर आपबीती बताई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा।

केस नंबर पांच

आठ अगस्त 2014 को त्रिवेणीनगर निवासी एक बाप ने अपनी नाबालिग बेटी से रेप किया। किशोरी एक प्राइवेट स्कूल में 9वीं की छात्रा थी। उसने अपने पिता पर वर्षों से रेप करने का आरोप लगाया था। हसनगंज कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह ने आरोपी के विरुद्ध रेप मुकदमा, और उसकी पत्नी पर 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

केस नंबर छह

30 नवंबर 2015 को बंथरा थानाक्षेत्र के एक गाँव में एक सगे भाई ने सारी हदों को पार करते हुए अपनी 16 वर्षीय बहन को अपनी हवस का शिकार बनाकर रिश्तों को तार-तार कर दिया। हैवान भाई की करतूत को पीड़िता ने जब अपने पिता को बताया तो वह सन्न रह गया और दरिदें बेटे की तलाश शुरू की, लेकिन वह इससे पहले घर से भाग चुका था। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार करके जेल भेजा।

रिपोर्टर - गणेश जी वर्मा 

 

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