जल बचाव अभियान के तहत खोदे जा रहे तालाब
Swati Shukla 15 Jan 2016 5:30 AM GMT

बाराबंकी। ग्राम पंचायत चुनाव के बाद बड़े स्तर पर मनरेगा के अंतर्गत तालाबों को खोदा जा रहा है। सूखे से निजात पाने के लिए मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान के तहत ये कदम उठाया गया था। समस्याओं के चलते तालाबों का निर्माण समय पर नहीं हो पाया था, इसलिए खुदाई का कार्य पूरे प्रदेश में किया जा रहा है, ये कार्य मनरेगा के तहत नवनिर्वाचित प्रधानों के द्वारा कराया जा रहा है। कुछ प्रधानों के खाते नहीं खुले, लेकिन वो मनरेगा के तहत कार्य करवा रहें है।
जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर हरख ब्लाक के सतरिख गाँव में तीन एकड़ में तालाब खोदा जा रहा है जिसमे 30 मनरेगा श्रमिक कार्य कर रहे है। प्रधान अन्ना वर्मा बताते है, ''गाँव में सिंचाई की समस्या थी जिसके लिए तालाब का निर्माण कराना आवश्यक था इसलिए चुनाव जीतने के बाद पहला कार्य तालाब बनाने का कार्य करवा रहे हैं। यह कार्य पांच दिनों के अन्दर पूरा हो जाएगा।"
जहाँ एक ओर प्रदेश के 75 जिलों में से 50 जिलों को सूखा घोषित किया गया है। सूखे से किसान को पानी की समस्या से जूझना न पड़े, इसलिए तालाब निर्माण कार्य किया जा रहा है, साथ ही मनरेगा में रोजगार उपलब्ध हो रहे है, उतर प्रदेश में 85,52 लाख श्रमिक है। लखनऊ में श्रमिकों की सं या 77378 है। 2014-15 में 2017,52 बजट था और 2015-16 में 16,32,13 लाख रुपए मनरेगा के तहत बजट पास हुआ था।
मुख्यमंत्री जल बचाव अभियान के तहत लखनऊ में 500 तालाबों को खोदने का लक्ष्य रखा था जिनमे से 265 तालाबों की खुदाई का कार्य पूर्ण हो गया था, 120 तालाबों को निर्मित कराया जा रहा है, लगभग 70 तालाबों में सफाई व अन्य बाकी है।
फतेहपुर ब्लाक के बरेठी गाँव के प्रधान धर्मेन्द्र सिंह बताते है, ''गाँव में तालाब का निर्माण कराना इसलिए शुरू कर दिया क्योंकि मनरेगा के अंतर्गत कार्य भी देना जरूरी था।"
डीसी मनरेगा हवलदार सिंह बताते है ''तालाबों का निर्माण कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाना था, लेकिन चुनाव और बरसात के चलते काम नहीं हो पाया इसलिए यह कार्य जल्दी करा रहे है मार्च तक यह लक्ष्य पूर्ण कर लिया जाएगा, प्रदेश में बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है, प्रदेश के 75 जिलों की 58 हजार ग्राम पंचायतों में चयनित ग्राम पंचायतों में ये कार्य किया जा रहा है।"
रिपोर्टिंग - स्वाती शुक्ला/अविनाश सिंह
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