जन्मदिन विशेष : अभिनय की पाठशाला हैं नसीरुद्दीन शाह

Shefali SrivastavaShefali Srivastava   20 July 2018 5:39 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
जन्मदिन विशेष : अभिनय की पाठशाला हैं नसीरुद्दीन शाह

कुछ कलाकारों में कला पैदायशी होती है। नसीरुद्दीन शाह उनमें से एक हैं। उनका ज़िक्र होते ही एक ऐसे साधारण लेकिन आकर्षक व्यक्तित्व की छवि सामने आती है जिसकी अभिनय-प्रतिभा अतुलनीय है जिसके चेहरे का तेज असाधारण है। उन्हें एक्टिंग का स्कूल कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। 20 जुलाई 1950 को जन्मे नसीरुद्दीन शाह का आज जन्मदिन है। लखनऊ से करीब 40 किमी दूर के बाराबंकी शहर के घोसियाना मोहल्ले में सेना के एक अधिकारी इमामुद्दीन शाह के परिवार में नसीर साहब ने जन्म लिया था।

आर्ट हों या कमर्शियल दोनों ही फिल्मों में नसीरुद्दीन का अभिनय जानदार है। फिल्म निशांत में छोटे जमींदार का किरदार हो या फिर 'पार' में संघर्षमयी मजदूर की भूमिका, जाने भी दो यारो का फोटोग्राफर विनोद चोपड़ा या फिर स्पर्श में नेत्रहीन बच्चों के स्कूल का प्रधानाचार्य, हर किरदार, हर भूमिका में नसीर साहब ने जान फूंक दी।

18 साल में किया था पहला रोल

नसीरुद्दीन शाह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया। अभिनय के इस प्रतिष्ठित संस्थान से अभिनय का विधिवत प्रशिक्षण लेने के बाद वे रंगमंच और हिंदी फिल्मों में सक्रिय हो गए। नसीरुद्दीन शाह ने 18 साल की उम्र में राज कपूर और हेमा मालिनी की फिल्म 'सपनों के सौदागर' में काम किया था लेकिन फिल्म रिलीज होने से पहले उनका सीन एडिट कर दिया गया था।

नसीर बेहतर कलाकार

नसीरुद्दीन के भतीजे मोहम्मद अली शाह बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म यारा के रिलीज होने के इंतजार में हैं। वह बताते हैं, 'मेरे ख्याल से नसीर साहब से बेहतर कलाकार इस देश में ही नहीं पूरी दुनिया में नहीं है। मैं अपने आप को बहुत खुशकिस्मत मानता हूं कि मैं उनका भतीजा हूं और उनसे ही एक्टिंग की ट्रेनिंग ली। नसीर साहब मेरी प्रेरणा हैं उनसे मैंने एक्टिंग के अलावा अपनी कला के प्रति ईमानदारी और अनुशासन भी सीखा है। वो हमेशा कहते हैं कि एक अच्छा कलाकार बनने से पहले एक अच्छा इंसान होना बहुत जरूरी है। वो भी जितने बेहतरीन फनकार है उससे कई ज्यादा बेहतर इंसान हैं।


उनसे ज्यादा दिलेर और दिलदार इंसान इस संसार में मिलना बहुत मुश्किल है। वो मेरे सगे चाचा तो हैं ही मगर वो मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त भी हैं। मैं उनकी दी गई सलाह में बहुत बेस्ट परफॉर्मेंस अभी दुनिया के सामने आनी बाकी है।

ड्रग्स की लत थी

अपनी आत्मकथा में ही नसीरुद्दीन ने अपनी नशे की लत का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि जीवन के एक कठिन मोड़ पर उन्हें चरस-गांजे की लत लग गई थी। वह इसे अपने बुद्धिमान होने का श्रेय भी देते हैं। शाह ने लिखा है कि वह कभी दूसरों को ड्रग्स का सेवन करने की सलाह नहीं देंगे। हालांकि वह मानते हैं कि सिगरेट और गांजे की वजह से उन्हें अपने जीवन में लक्ष्य के प्रति क्लीयर रहने में मदद की थी।

एक्टर बनने के फैसले से पिता थे नाराज

बीबीसी में एक इंटरव्यू में नसीर ने बताया था, 'मैं पढ़ाई में बड़ा कमजोर था। बात-बात पर शिक्षकों से थप्पड़ खाता था। तो मैंने सोचा अभिनय के क्षेत्र में चला जाऊं। पढ़ाई से बचने का यही एकमात्र रास्ता है।' नसीर कहते हैं कि जब उन्होंने ये फैसला किया तो उस वक्त उनकी उमर कोई 11-12 साल की रही होगी। उन्होंने ये भी बताया कि उनके पिता को उनके इस इरादे के बारे में बिल्कुल नहीं मालूम था। नसीर कहते हैं, 'जब मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली तो मेरे पिता ने कहा कि अब आगे क्या करना है, तो मैंने कहा कि मैं तो ऐक्टिंग ही करूंगा।' नसीरुद्दीन शाह के पिता ने पहले तो उनके इस फैसले का विरोध किया, पर बाद में उन्हें इजाजत दे दी। इसके बाद नसीर ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला लिया।

हुआ था जानलेवा हमला

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में नसीरुद्दीन की दोस्ती राजेंद्र जसपाल से काफी खास थी। हालांकि दोनों की दोस्ती घृणा में बदल गई थी जब राजेंद्र को नसीर की तरक्की से असहजता होने लगी। नसीरुद्दीन ने अपनी आत्मकथा एंड देन वन डे में लिखा है कि फिल्म भूमिका की शूटिंग के दौरान एक ढाबे पर उन पर जानलेवा हमला हुआ था। वह यह देखकर दंग रह गए थे कि यह उनको मारने की कोशिश करने वाला उनका अपना दोस्त राजेंद्र जसपाल थे। राजेंद्र को लगता था की जो फिल्में नसीर कर रहे हैं, वो उन्हें मिलनी चाहिए थी।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.