खाद लेनी है तो पहचान पत्र ज़रूरी

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खाद लेनी है तो पहचान पत्र ज़रूरीगाँव कनेक्शन

ज़मीन को बंजर होने से बचाने के लिए शासन की पहल

मैनपुरी। उर्वरकों के हानिकारक प्रभावों से खेतिहर ज़मीन कहीं बर्बाद न हो जाए, इसके लिए अब शासन ने नई पहल शुरू की है। सरकार की इस नई व्यवस्था के तहत अब सिर्फ उन्हीं किसानों को दुकानों से उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे जो खरीदारी से पहले अपना पहचान पत्र देंगे। 

बेहतर पैदावार के लिए किसान उर्वरकों की ओर तेज़ी से रुख कर रहे हैं। ज्यादातर किसानों का मानना है कि उर्वरकों से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता तो बढ़ती है, साथ ही फसल भी अच्छी होती है।

इस पहल को सराहते हुए जिला कृषि अधिकारी डॉ. योगेन्द्र कुमार बताते हैं, ''इस पहल से अब किसी भी किसान को बगैर पहचान पत्र के उर्वरक उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे। बगैर परिचय पत्र के अगर किसी भी दुकानदार ने उर्वरक बेंचे और जांच में उसका खुलासा हुआ, तो ऐसे में दुकानदार के खिलार्फ कर्रावाई कराई जाएगी।’’

''जो भी दुकानदार उर्वरक बेचेंगे, उन्हें खरीदारी करने वाले किसानों से उनकी पहचान के लिए पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक की पासबुक की छायाप्रति के साथ मोबाइल नंबर भी लेना होगा।’’ डॉ. योगेन्द्र कुमार आगे बताते हैं।

पहचान पत्र दिखाने के अलावा अगर दुकानदार ने किसी भी किसान को उर्वरक बेचा है, तो वह इसकी पूरी जानकारी बिक्री रजिस्टर पर अंकित करेगा। इसकी मुख्य वजह है कि अक्सर किसानों द्वारा मिट्टी की उत्पादक क्षमता घटने की बात कही जाती है। ऐसे में अगर किसान का विवरण उपलब्ध होगा तो रजिस्टर से उनकी पहचान कर मिट्टी की जांच कराई जा सकेगी। साथ ही उर्वरकों के मनमाने व्यय पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।

रिपोर्टिंग - रतन सिंह

 

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