Gaon Connection Logo

मूंग की बुवाई के लिए समय बिलकुल सही, वातावरण में रहती है अनुकूल नमीं

Sowing of moong

लखनऊ। जिन किसानों ने आलू की फसल की खोदाई कर ली है, वो अभी से ही जायद की मूंग की खेती की तैयारी कर सकते हैं, मूंग की फसल से किसान कम सिंचाई में बेहतर उत्पादन पा सकते हैं। फतेहपुर जिले के मालवा ब्लॉक के अलीपुर गाँव के किसान भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान की मदद से मूंग की खेती कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें- अब 55 दिन में तैयार होगी मूंग की फसल 

महुअर और अलीपुर गाँवों के किसानों ने गर्मी के लिए मूंग को एक विकल्प के रूप में चुना क्योंकि उनको पूरा विश्वास था कि चावल और गेहूं के फसल चक्र को प्रभावित किए बिना गर्मी में मूंग उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त उपज और आर्थिक लाभ मिलेगा। अलीपुर गाँव के किसान बाबूराम प्रजापति पटेल कहते हैं, “पहले हम धान-गेहूं ही बोते थे, लेकिन वैज्ञानिकों की मदद से अब मूंग की खेती करते हैं, जिससे ज्यादा आमदनी हो जाती है और खेत भी नहीं खाली रहता है।”

ये भी पढ़ें- जायद की फसलों में बढ़ गया है कीटों का प्रकोप, करें कीट प्रबंधन

भारतीय दलहन अनुसंधान, कानपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पुरुषोत्तम कहते हैं, “जायद में बोई जाने वाली दलहन की प्रमुख फसलों में मूंग और उड़द होती हैं। इस महीने की बुवाई शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि इस समय वातारण में अनुकूल नमी रहती है, नहीं तो तापमान बढ़ने के बाद बुवाई करने में सिंचाई की जरूरत पड़ती हैं।”

ये भी पढ़ें- दक्षिण भारत की तरह यूपी में अब जायद में भी हो रही धान की खेती

वो आगे बताते हैं, “किसानों को बुवाई करते समय मोजेक अवरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए, इससे इन फसलों में पीला मोजेक रोग का प्रकोप नहीं होता है।” जायद में खेती के लिए पन्त मूंग-दो, नरेन्द्र मूंग-एक, मालवीय जागृति, सम्राट मूंग, जनप्रिया, मेहा, मालवीय ज्योति प्रजातियों का चयन करना चाहिए।

मूंग की फसल

खेत की तैयारी

दोमट या दोमट मटियार ऐसी भूमि है, जिसकी जल धारण क्षमता अच्छी हो, मूंग के लिए उत्तम है। किसान के पास निजी सिंचाई का साधन होना आवश्यक है। खेत की सिंचाई कर जुताई कर दें। नमी बनी रहने के दौरान ही बोवाई करें।

ये भी पढ़ें- जायद मूंगफली का सही समय

बीज शोधन

बुवाई के लिए यह सर्वोत्तम समय है, बेहतर जमाव एवं रोगमुक्त फसल के लिए 2.5 ग्राम थीरम या दो ग्राम थीरम और एक ग्राम कार्बेन्डाजिम अथवा पांच किग्रा ट्राइकोडर्मा से प्रति किग्रा बीज शोधित करें। बीज शोधन के बाद इसे एक बोरे पर फैला दें। आधा लीटर पानी में 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर मिला दें। इस मिश्रण को दस किग्रा बीज पर छिड़ककर हाथ से ऐसे मिलाएं कि बीज के ऊपर एक परत बन जाए। इसे छाया में दो घंटा तक रहने दें। ध्यान रहे कि न तो इसे तेज धूप में रखें ना दोपहर में बुवाई करें।

ये भी देखिए:

More Posts