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खरीफ फसलों का रकबा 59 लाख हेक्टेयर से अधिक बढ़ा, तिलहन के बुवाई क्षेत्र में 10% से अधिक की बढ़ोतरी

पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष अभी तक खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई हुई है। अच्छे मानसून का भी असर रहा है। सरकार ने कहा है कि कोविड-19 महामारी का असर खरीफ फसलों की बुवाई पर नहीं पड़ा है।
#Kharif Crop

इस साल अच्छे मानसून का असर फसलों की बुवाई पर दिख रहा है। यही कारण है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 59 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ा है।

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 10 सितंबर तक देश में चालू मानसून सत्र में 828.6 मिमि बारिश हुई जबकि इस समय तक देश में लगभग 777.3 मिमि बारिश होती है। अच्छी बारिश का असर खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ा है।

केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1045.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 1104.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है जो अपने आप में रिकॉर्ड है, जबकि देश के कई हिस्सों में धान की बुवाई अभी चल ही रही है। दलहन, मोटे अनाज और तिलहन फसलों की बुवाई लगभग हो चुकी है। खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े अक्टूबर 2020 में आने की उम्मीद है।

खरीफ फसलों की बुवाई की स्थिति पर एक नजर

चावल: चावल की बुवाई पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 373.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 402.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है मतलब बुवाई क्षेत्र में 7.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

दलहन: दलहली फसलों की बुवाई पिछले वर्ष के 131.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले इस बार 137.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, अर्थात 4.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

मोटे अनाज: पिछले वर्ष के 177.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 179.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की खेती हुई। 1.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

खरीफ फसलों की बुवाई का क्षेत्र

तिलहन: पिछले साल के 176.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 195.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहन की बुवाई हुई अर्थात तिलहन बुवाई क्षेत्र में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

गन्ना: गन्ने की बुवाई पिछले साल के 51.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 52.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है यानी बुवाई क्षेत्र में 1.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

कपास: पिछले वर्ष के 126.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 129.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई अर्थात कपास बुवाई क्षेत्र में 2.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

जूट और मेस्टा: पिछले साल के 6.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 6.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जूट और मेस्टा की बुवाई की गई है यानी 1.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

कृषि मंत्रालय ने कहा है कि खरीफ फसलों की बुवाई पर कोविड-19 महामारी का असर नहीं पड़ा है क्योंकि भारत सरकार ने समय पर बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराईं।

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