ऐसे तो मिर्च की खेती भारत के कई हिस्सों में होती है, मगर बात अगर सबसे तीखी और तेज मिर्च की करें तो भारत में इस तीखी मिर्च की खेती असम और उत्तरी पश्चिम क्षेत्र में होती है। इस मिर्च का नाम है भूत झोलकिया। यह मिर्च इतनी तीखी होती है कि जीभ पर इसका स्वाद लगते ही व्यक्ति का दम घुटने लगता है और आंख में तेज जलन होती है। आइये आपको बताते हैं भूत झोलकिया मिर्च के बारे में कई रोचक बातें।
गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉडर्स में भी दर्ज भूत झोलकिया मिर्च
भूत झोलकिया मिर्च को पूरी दुनिया में सबसे तीखी और तेज मिर्च के रूप में वर्ष 2007 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉडर्स में भी दर्ज किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सामान्य मिर्च की तुलना में भूत झोलकिया मिर्च में 400 गुना ज्यादा तीखापन होता है। भारत में भूत झोलकिया मिर्च की खेती असम, नागालैंड और मणिपुर में होती है।
ऐसे मापते हैं मिर्च का तीखापन
मिर्च का तीखापन स्कोवाइल हीट यूनिट (एसएचयू) में मापा जाता है। जिस मिर्च में एसएचयू सबसे ज्यादा होता है, उतनी ही मिर्च अधिक तीखी होती है। सामान्य मिर्च का स्तर 2500-5000 एसएचयू होता है, वहीं भूत झोलकिया मिर्च में तीखापन 10,41,427 एसएचयू मापा गया है। इस मिर्च को भूत काली मिर्च, घोस्ट चिली, घोस्ट पेपर और नागा झोलकिया के नाम से भी जाना जाता है।
75 से 90 दिन में तैयार हो जाती है मिर्च
भूत झोलकिया मिर्च के पौधे की ऊंचाई 45 से 120 सेंटीमीटर तक होती है। इस पौधे में लगने वाले मिर्च की चौड़ाई 1 से 1.2 इंच होती है और लंबाई 3 इंच से भी ज्यादा हो सकती है। यह बुवाई के बाद मात्र 75 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है और मसाले के रूप में इस मिर्च की पूरी दुनिया में बहुत मांग है।
उपद्रवियों के खिलाफ होता है इस्तेमाल
सिर्फ इतना ही नहीं, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते शारीरिक हमलों की घटनाओं पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भूत झोलकिया का इस्तेमाल किया। इस संगठन ने भूत झोलिकया मिर्च से मिर्च स्प्रे विकसित किया
भूत झोलकिया मिर्च का इस्तेमाल खान-पान के लिए ही नहीं, बल्कि देश के सुरक्षा बल उपद्रवियों के खिलाफ भी इस्तेमाल करते हैं। सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ की ग्वालियर, टेकनपुर स्थित टियर स्मोक यूनिट इस मिर्च के इस्तेमाल से आंसू गैस के गोले बनाती है। यह आंसू गैस के गोले उपद्रवियों को अलग-थलग करने के काम आते हैं। बीएसएफ की इस यूनिट में इन गोलों में भूत झोलकिया मिर्च का इस्तेमाल किया गया। इन गोलों को उपद्रवियों के ऊपर दागने पर आंखों में तेज जलन होती है और दम घुटने लगता है। हालांकि इससे कोई शारीरिक नुकसान नहीं होता है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी बनाया ‘मिर्च स्प्रे’
सिर्फ इतना ही नहीं, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते शारीरिक हमलों की घटनाओं पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भूत झोलकिया का इस्तेमाल किया। इस संगठन ने भूत झोलिकया मिर्च से मिर्च स्प्रे विकसित किया। डीआरडीओ की तेजपुर यूनिट ने इस मिर्च स्प्रे को तैयार किया, जिससे महिलाएं आत्मरक्षा के लिए उपयोग कर सकती हैं, हालांकि यह मिर्च स्प्रे घातक नहीं है। इस पर परीक्षण पूरा होने के बाद डीआरडीओ आगे कदम उठाएगा।