लखनऊ। मछली पालन कर रहे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने पर 2 फीसदी का ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया। इसके अलावा अगर वह अपना कर्ज समय पर चुकाते हैं तो उन्हें 3 फीसदी अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी भी देने का प्रावधान किया गया।
देश में मछली पालन को बढ़ावा और मछुआरों को फायदा देने के लिए बजट 2019 में बड़ा ऐलान किया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मात्सियिकी विभाग एक सुदृढ़ मात्स्यिकी ढ़ांचे की स्थापना की जाएगी। इसके साथ मत्स्य व्यवसाय को कृषि में भी जोड़ा गया है।
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सीतारमण ने संसद में 2019-20 का बजट पेश करते हुए यह कहा हैं , “मछली पकड़ने वाले और मछुआरा समुदाय खेती से करीब से जुड़े हुए हैं और ये ग्रामीण भारत के लिए बहुत अहम हैं। ” प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए प्राइस चेन को सुदृढ़ करने संबंधी महत्वपूर्ण खामियों का समाधान किया जाएगा। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिकीकरण, पता लगाने की योग्यता, उत्पादन, उत्पादकता, पैदावार प्रबंध और गुणवत्ता नियंत्रण शामिल हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी का अलग से मंत्रालय बनाया गया है। नए मंत्रालय को आवंटित कुल बजट में से 2,932.25 करोड़ रुपये पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं पर खर्च की जाएंगी जबकि मत्स्य पालन क्षेत्र की योजनाओं के लिए 804.75 रुपये रखे गए हैं।
मत्स्य संपदा योजना के लिए माननीय वित्त मंत्री @nsitharaman जी ने बजट पेश करने के दौरान आज कई बातें कहीं और यह बीजेपी के मेनिफेस्टो में भी शामिल था।
यह आने वाले समय मे मत्स्य पालन क्षेत्र को काफी शक्ति प्रदान करेगा । pic.twitter.com/f7lfrvGT0T— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 5, 2019
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मत्स्य पालन व्यवसाय से पूरे देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों की आय जुड़ी हुई है। सभी प्रकार के मछली पालन (कैप्चर एवं कल्चर) के उत्पादन को साथ मिलाकर 2016-17 में देश में कुल मछली उत्पादन 11.41 मिलियन तक पहुंच गया है।
केंद्र सरकार के बजट में मछुआरों की आर्थिकी को और बेहतर बनाने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।