इलाहाबाद। प्रदेश की सपा सरकार द्वारा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर 2000 करोड़ से अधिक के ब्याज को एक खास अध्यादेश के माध्यम से खारिज कर दिया गया था जिसमे कहा गया कि ब्याज पर किसानों का हक़ नहीं है । वी एम सिंह द्वारा इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी गई जिसमें ब्याज को किसानों का क़ानूनी हक बताते हुए सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को रद्द करने को कहा गया । नए साल से पूर्व केस में सुनवाई पूरी कर ली गई थी और फैसला सुरक्षित रखा गया था ।
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यदि फैसला किसानों के पक्ष में आता है तो प्रत्येक किसान को लगभग 10000 प्रति एकड़ का सीधे सीधे लाभ होगा। फैसला किसान हित में आने पर प्रदेश और केंद्र की किसान विरोधी सरकारों को बड़ा झटका लगेगा । एक बार फिर क़ानूनी लड़ाई में हो सकती है किसानों की बड़ी और ऐतिहासिक जीत।
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