गन्ने की नई किस्म लगाएं, सूखे और बाढ़ में भी नहीं बर्बाद होगी फसल
Divendra Singh 10 Nov 2018 1:19 PM GMT
लखनऊ। इस समय प्रदेश के ज्यादातर जिलों में किसान गन्ना की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान भारतीय गन्ना शोध संस्थान से विकसित उन्नत प्रजातियों का चयन कर सूखे और बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
ये भी पढ़ें : आप भी एक एकड़ में 1000 कुंतल उगाना चाहते हैं गन्ना तो अपनाएं ये तरीका
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में किसान गन्ना उगाते हैं। कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां के किसानों को बाढ़-सूखा जैसी समस्याओं से परेशान होना पड़ता है।
लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना शोध संस्थान (आईआईएसआर) के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार साह बताते हैं, "संस्थान में गन्ने की उन्नत किस्मों पर शोध हो रहा था, जिस पर सूखे और बाढ़ का असर कम हो। गन्ने की इस प्रजाति सीओएलके 94184 और ओपीके 05191 पर रिसर्च किया गया है।"
ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र का ये किसान उगाता है 19 फीट का गन्ना, एक एकड़ में 1000 कुंटल की पैदावार
उत्तर प्रदेश में 40-45 जिलों में किसान गन्ने की खेती करते हैं, 35 लाख से ज्यादा किसान सीधे तौर पर गन्ने की खेती से जुड़े हैं। यूपी में 168 गन्ना समितियां हैं। साथ ही 119 गन्ना मिल और 2700 करोड़ से ज्यादा लोग गन्ने से जुड़ा व्यवसाय करते हैं।
डॉ. अजय कुमार साह आगे बताते हैं, "इन किस्मों की खेती में कम पानी की जरूरत होती है, खरीफ और रबी दोनों सीजन में बुवाई कर सकते हैं। मार्च में लगाए गए गन्ने की सिंचाई पांच से छह बार करनी होती है।
उन्नत की बुवाई कर किसान पहले साल प्रति हेक्टेयर 75 से 80 टन की पैदावार ले सकते हैं। वहीं अगले दो से तीन वर्षों तक इससे 70 टन की पैदावार ली जा सकती है।"
इन किस्मों की खेती में कम पानी की जरूरत होती है, खरीफ और रबी दोनों सीजन में बुवाई कर सकते हैं। मार्च में लगाए गए गन्ने की सिंचाई पांच से छह बार करनी होती है।डॉ. अजय कुमार साह, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय गन्ना शोध संस्थान
नए रिसर्च में ऐसी किस्में विकसित करने पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें कम पानी वाले क्षेत्रों में भी बेहतर पैदावार हो सके। इस किस्म की बुवाई सूखे और बाढ़ दोनों ही स्थितियों में की जा सकती है।" अजय कुमार साह ने आगे बताया।
ये किस्म तेज हवा, आंधी या तूफान में भी नहीं गिरती हैं। गन्ने में कई तरह की रोग लगते हैं, जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है, ये किस्म टॉप बोरर कीट प्रतिरोधी है। रेड रॉट और स्मट रोग भी इस किस्म में नहीं लगता है।
गन्ना किसानों की बढ़ेगी आमदनी, गुड़ के साथ बना सकेंगे सीएनजी
More Stories