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गाजर घास से बना सकते हैं बेहतर जैविक खाद, ये अपनाएं तरीके

uttar pradesh

स्वयं प्रोजेक्ट

जौनपुर। अपने खेत और घर के आसपास उगी गाजर घास को खत्म नहीं कर पा रहे हैं तो घबराएं नहीं। इस घास का इस्तेमाल करके आप खाद बना सकते हैं। इतना ही नहीं यदि आप अपने खेत में गाजर घास से बनी खाद डालते हैं तो आपको दूसरी कोई खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं कृषि वैज्ञानिक गाजर घास की खाद को फसलों के लिए फायदेमंद भी बता रहे हैं।

रेलवे लाइन के किनारे और खेतों के किनारे निकलने वाली अनचाही गाजर घास उगी रहती है। गाजर घास फसलों के अलावा मनुष्यों और पशुओं के लिए भी गम्भीर समस्या है। इस खरपतवार के सम्पर्क में आने से एग्जिमा, एलर्जी, बुखार, दमा व नजला जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इसे खाने से पशुओं में कई रोग हो जाते हैं।

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अगर गाय या भैंस इसे खा लेती हैं तो उनके थनों में सूजन आ जाती है और पशुओं के मरने का भी खतरा होता है। काफी वक्त पहले कांग्रेस की सत्ता में रहते वक्त मैक्सिको से आए गेहूं के बीज के साथ आए गाजर घास के बीज किसानों के लिए आज तक मुसीबत बने हैं। इससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। इस घास को खत्म करने के समय—समय पर कई तरीके आए लेकिन सभी इतने कारगर साबित नहीं हुए हैं। इसको देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने इस घास का इस्तेमाल खाद बनाने के लिए करने में सबसे अच्छा बताया है।

जौनपुर के बक्शा कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप कन्नोजिया कहते हैं, “इस घास से यदि किसान खाद बना लें तो उनकी परेशानी का हल निकल आएगा। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को जागरुक भी कर रहा है और उन्हें खाद बनाने का तरीका भी बताया जा रहा है। ताकि किसानों की यह काफी पुरानी समस्या का हल निकल जाए।”

कैसे बनाई जा सकती है खाद

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार गाजर घास से खाद बनाने के लिए किसानों को एक गड्ढा खोदना होता है। गड्ढे की लम्बाई 12 फीट, चौड़ाई चार फीट और घहराई पांच फीट होनी चाहिए। इस गड्ढे में नौ इंच चौड़ी की दीवार बनानी होगी। इसे सीधा जोड़ेंगे। जब तीन स्टेप तीन रदृा ईंट रखने के बाद सात इंच चारों ओर जाली बनाई जाएगी। इसी तरह ईंट की जोड़ाई सीधी और जालीदार करते रहेंगे। इसके बाद सूखी गाजर घास को अलग और हरी गाजर घास को अलग रख लेंगे।

छह इंच तक हरा और सूखा वाला डंठल नीचे भर देंगे। इसके बाद 5 किलो गोबर पानी में ढीला घोलकर इसमें डाल देंगे। साथ में 2 इंच मिट्टी भी डालेंगे। भराई करने के बाद उसके उपर से मुलायम वववावला डंठल डाला जाएगा। फिर पांच किलो गोबर पानी के साथ मिक्स करके तर करेंगे। इसी तरह गड्ढे को उपर तक भरना होगा।

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खाद बनाने का दूसरा तरीका

गाजर घास से खाद बनाने का दो तरीका है। दूसरा तरीका यह है कि आपको चार गड्ढे खोदने होते हैं। सबकी एक दूसरे से दूरी डेढ़ फीट की होनी चाहिए। खाद बनाने की पहले वाली विधि की ही तरह पहले गड्ढे में घास और गोबर की भराई कर दी जाए। जब मैटेरियल अच्छी तरह सड़ जाए तो पहले वाले गड्डे से मैटेरियल निकाल दूसरे में डाल देना चाहिए। फिर दूसरे का मैटेरियल निकाल कर तीसरे और पहले इसी तरह चौथे में डाल देना चाहिए। यह प्रक्रिया पहले, दूसरे तीसरे और चौथे गड्ढे में चलेगी और फिर खाद तैयार हो जाएगी। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. संदीप कन्नोजिया कहते हैं, “गाजर घास से बनी 20 टन खाद एक हेक्टेयर खेत के लिए मुफीद है।

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