फूल गोभी की खेती आम तौर पर सितंबर से अक्टूबर महीने में की जाती है। मौसम की मार से बचने पर अगैती खेती करने वाले अक्सर मुनाफा कमाते हैं। लेकिन नए तरीकों से संवर्धित बीजों से अब गोभी की खेती सालों-साल होने लगी है। कई किसान गर्मियों तक में गोभी की खेती करते हैं।
मध्य प्रदेश के हरदा जिले के खिरकिया गाँव के किसान आशीष वर्मा ने पिछले वर्ष एक एकड़ में गोभी की खेती की थी, जिससे उन्हे करीब एक लाख 80 हज़ार रुपए की कमाई हुई थी। ”जब मैं फूल गोभी लगाने की सोच रहा था तब मैने सोचा कि फूल गोभी की कोई ऐसी किस्म लगाऊं जो गर्मियों में फसल दे, क्योंकि उस समय गोभी बज़ार में बहुत कम होती है जिससे रेट अच्छे मिल सकते हैं।” आशीष वर्मा ने बताया, ”मैने सिजेंटा की लकी प्रजाति की गोभी लगाई, इसकी नर्सरी की बुवाई दिसंबर अंत तक की जा सकता है।”
फूल गोभी की ऐसी कई प्रजातियां हैं जिनकी बुवाई अभी भी की जा सकती है और जनवरी में उसकी रोपाई की जा सकती है।
भारत में करीब तीन हज़ार हेक्टेयर में फूल गोभी की खेती की जाती है, जिससे तकरीबन 6,85,000 टन उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश तथा अन्य ठंढे स्थानों में इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। लेकिन अब इसे सभी स्थानों पर उगाया जाता है।
आशीष ने बताया, ”22 से 25 दिन में फूल गोभी की नर्सरी तैयार हो जाती है उसके बाद इसकी रोपाई की जाती है। एक एकड़ में 18 से 20 हज़ार पौधे लगते हैं। 70-75 दिन में फसल तैयार हो जाती है।” खेती में आने वाली कुल लागत के बारे में उन्होंने बताया, ”नौ हज़ार रुपए के फूल गोभी के 100 ग्राम बीज मिले थे। 1500 रुपए एक एकड़ में मजदूरों से रोपाई करने के पड़े थे, उसके बाद 1200 रुपए की यूरिया, 5000 रुपए की दवाई और तीन हज़ार रुपए दो बार निराई करने में खर्च हुए।”
आशीष ने बताया कि जब फसल तैयार हो गई तो मैने उसे थोक में बेच दिया था जिस वजह से प्रति फूल फूल सिर्फ 10 रुपए मिले, अगर फुटकर बेचता तो 15-20 रुपए मिलते। लेकिन उसके बावजूद तरीब एक लाख 80 हज़ार रुपए की कमाई हुई। जबकि कुल कर्चा 20 हज़ार रुपए तक ही आया था। इस हिसाब से अगर देखें तो करीब डेढ़े लाख रुपए का मुनाफा हुआ।