अमेरिका के एग्रीकल्चर सेक्टर में ये हुआ बड़ा बदलाव, आपका भी बदल जाएगा नजरिया

Anusha MishraAnusha Mishra   16 Nov 2018 5:18 AM GMT

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अमेरिका के एग्रीकल्चर सेक्टर में ये हुआ बड़ा बदलाव, आपका भी बदल जाएगा नजरियालिज़ व्हाइटहर्स्ट अपने खेत में काम करते हुए। फोटो- साभार शिकागो ट्रिब्यून

कहने को तो हमारा देश कृषि प्रधान है, फिर भी खेती - किसानी रोजगार के रूप में यहां कभी मुख्यधारा में नहीं आ पायी लेकिन पिछले कुछ समय में अमेरिका में एक अलग ही तरह का बदलाव सामने आया है। यहां के युवा अपनी अच्छी - खासी नौकरी छोड़कर खेती की ओर रुख कर रहे हैं।

शिकागो के उपशहरी इलाके में पली बढ़ी और लिबरल आटर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाली लिज़ व्हाइटहर्स्ट ने 2 साल पहले मैरीलेंड के मार्लबोरो में अपने तीन एकड़ के फार्म में खेती करना शुरू किया। इससे पहले वे कई ऐसी नौकरी कर चुकी थीं जहां उनकी कमाई अच्छी खासी थी।

शहर में पली बढ़ी और उच्च शिक्षा हासिल करने वाली लिज़ किसानों के आंदोलन में शामिल हो गईं। अमेरिका में स्थानीय खाद्य पदार्थों की मांग पिछले कुछ समय में काफी बढ़ी है। उपभोक्ता मांग में तेज़ी आने से किसानों पर माल पूरा करने की ज़िम्मेदारी आ गयी है।

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वेबसाइट शिकागो ट्रिब्यून के मुताबिक, अमेरिका के कृषि विभाग के हाल ही री हुए कृषि आंकड़ों के मुताबिक पिछली दो सदियों में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब 35 साल से कम उम्र के युवा खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस क्षेत्र में इनकी संख्या बढ़ रही है।

इस नई पीढ़ी से ये उम्मीद तो नहीं की जा सकती कि सालों से खेती अपनी जो पैठ खोती आ रही है वो इसे वापस ला पाएगी लेकिन ये उम्मीद ज़रूर की जा सकती है कि स्थानीय खाद्य पदार्थों को लोगों के किचन तक पहुंचाने की जो मुहिम है उसे कुछ बल मिलेगा।

''हमें अमेरिका के कृषि क्षेत्र में आने वाले समय में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है क्योंकि अब यहां के युवा भी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं'', ये कहना है जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में खाद्य संस्थान की प्रमुख और राष्ट्रपति बराक ओबामा के तहत यूएसडीए में उप सचिव कैथलीन मेरिगन का।

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युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के 2014 में ज़ारी आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से 2012 के बीच 25 से 34 साल की उम्र के किसानों की संख्या में 2.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कैलिफोर्निया, नेब्रास्का और दक्षिणी डकोता जैसे कुछ राज्यों में तो युवा किसानों की संख्या में 20 प्रतिशत की बढ़त हुई है।

युवा किसानों का पक्ष रखने वाले एक समूह मेरिगन ने अमेरिका में एक सर्वे कराया जिसमें यह सामने आया कि युवा किसानों की अधिकतर संख्या ऐसे परिवारों से है जिनकी खेती किसानी की कोई पृष्ठिभूमि नहीं है। लिज़ के खेत में जाने के लिए एक छोटे से सफेद घर से जाती हुई एक सीढ़ीदार पहाड़ी से चलने वाले सब्जियों की एक श्रृंखला दिखती है। वह इस खेत में जैविक विधि से मिर्च, बंद गोभी, टमाटर और बेबी केल से लेकर आर्गुला जैसे सलाद के पत्तों की खेती करती हैं। लिज़ अपने खेत में फसलों को बदलती रहती हैं जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार रहे।

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हर मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को लिज़ और उनके कुछ पुराने दोस्त सुबह जल्दी उठकर अपने हाथों से खेतों की निराई, गुड़ाई करती हैं और कुछ सब्ज़ी तोड़कर अपने घर लाती हैं। लिज़ और उनकी दोस्त जो उस खेत में बने घर में ही रहती हैं, वहां उगने वाली सब्जियों को वे कृषि समर्थित समुदाय के ज़रिए किसी रेस्त्रां में या वांशिगटन डीसी के बाज़ार में बेच देती हैं।

लिज़ कहती हैं कि मैं कुछ सकारात्मक बदलाव लाना चाहती थी और किसी भी दूसरे तरीके से हो सकता था लेकिन कृषि में इसका असर गहरा और तुरंत होता है। आपके नक्शेकदम पर चलकर कई दूसरे युवा भी खेती की दुनिया में आ सकते हैं और व्यावसायिक खाद्य प्रणाली का हिस्सा बन सकते हैं। अमेरिका में पहले से ही वालमार्ट और सुपरवैल्यु जैसे कई सुपर मार्केट हैं जो सीधे किसानों से उनकी फसल ख़रीद लेते हैं। युवा किसान अपने स्वयं के 'खाद्य केन्द्रों' का निर्माण कर रहे हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल को स्टोर करने, बाज़ार तक ले जाने और सुपर मार्केट या रेस्त्राओं तक बेचने में मदद मिलती है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्थानीय और जैविक खाद्य आंदोलन को बल मिल रहा है। किसानों और खाद्य कंपनियों को सलाह देने वाली कंसल्टेंट ईव टुरो पॉल कहती हैं कि मेरे पास देश के कई बड़े किसानों के फोन आते हैं जो मुझसे जानना चाहते हैं कि स्थानीय और जैविक खाद्य पदार्थों की ये धुन लोगों में कब खत्म होगी। मैं उन्हें बहुत प्यार से कहती हूं - युवा पीढ़ी की ओर देखिए और आप भी इसी ढर्रे पर आगे बढ़िए या खेती करना छोड़ दीजिए।

USDA के मुताबिक, 1992 और 2012 के बीच, देश में 250,000 से अधिक मध्य और छोटे व्यावसायिक खेतों की कमी हुई है। इसी अवधि के दौरान, 35,000 से भी अधिक बड़े खेतों की शुरुआत हुई, और पहले से ही अस्तित्व में आने वाले बड़े खेतों ने अपने रकबे को समेकित किया।

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मध्यम आकार के खेत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी हैं, इससे गाँव में कुछ लोगों को रोजगार मिलता है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के एक ग्रामीण समाजशास्त्री शशानह इनवुड ने कहा कि अगर आज के युवा किसान खेती में अपनी रुचि को ज़ारी रखते हैं तो वे मध्यम आकार के खेतों को आगे बढ़ा सकते हैं। इससे बड़े पैमाने पर खेतों आवासीय या औद्योगिक क्षेत्रों में परिवर्तित होने से भी रोका जा सकता है।

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