किसान पाठशाला को लेकर सरकार और विपक्ष में टकराव

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किसान पाठशाला को लेकर सरकार और विपक्ष में टकरावबाराबंकी में किसान पाठशाला का किया गया आयोजन।

लखनऊ। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी हो सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों दो चरण में प्रदेशभर में किसान पाठशाला का आयोजन की थी। सरकार ने दावा किया है इस किसान पाठशाला के जरिए उसने 10 लाख किसानों प्रशिक्षित किया है, वहीं विपक्ष ने इसे किसानों के साथ योगी सरकार का धोखा करार दिया है।

किसान संगठनों के भी निशाने पर

किसान पाठशाला को लेकर सरकार विपक्ष के साथ ही विभिन्न किसान संगठनों के भी निशाने पर है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला बताते हैं, “प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद यह संकल्प लिया गया था कि किसानों की आय पांच साल में दोगुनी की जाएगी। इसकी शुरुआत किसान पाठशाला जैसे अभिनव प्रयोग के माध्यम से हो चुकी है।“

केवल कागजों पर किसान पाठशाला

इधर उत्तर प्रदेश किसान सभा के महामंत्री मुकुट सिंह कहते हैं, “किसान पाठशाला पूरी तरह फ्लाप शो है और यह किसानों के साथ धोखा है। ये भाजपा सरकार की एक और जुमलेबाजी है।“ उन्होंने दावा किया कि किसान पाठशाला केवल कागजों पर आयोजित की गई।

उत्तर प्रदेश सरकार का है दावा

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि पूरे प्रदेश के इतिहास में इस तरह की किसान पाठशाला का आयोजन पहली बार किया गया है, जिसमें किसानों को रबी की फसलों के अलावा जैविक खेती, मृदा हेल्थ कार्ड, फसल बीमा योजना, कृषि विविधीकरण सहित खेती किसानी से जुड़ी अन्य वैज्ञानिक जानकारियों से रुबरु कराया गया है।

किसान पाठशाला पूरी तरह विफल

सरकार के इस दावे पर सवाल उठाते हुए भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के लखनऊ मंडल अध्यक्ष हरिनाम वर्मा ने बताया, “किसान पाठशाला पूरी तरह विफल साबित हुई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम ग्राम पंचायतों में इस तरह का कोई कार्यक्रम ही आयोजित नहीं किया गया। व्यावहारिक स्तर पर यह कार्यक्रम हुआ ही नहीं, यह केवल कागजों तक सीमित रह गया है।“

किसान पाठशाला से जनता को धोखा

प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “भाजपा का किसान और कृषि से कोई लेना देना नहीं है। सरकार किसान पाठशाला चलाकर जनता को धोखा दे रही है।“

15 हजार से ज्यादा किसान पाठशाला का दावा

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास 5 कालीदास मार्ग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान पाठशाला कार्यक्रम की शुरुआत की थी। किसान पाठशाला के पहले चरण कार्यक्रम 5 से लेकर 9 दिसंबर के बीच और दूसरा चरण 11 से लेकर 15 दिसंबर तक किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि प्रदेश में 15,000 से अधिक किसान पाठशाला लगाई गई, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को खेती के साथ उद्यान, पशुपालन और मत्स्य, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी गई।

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