आंधी और बारिश से किसानों को झटका, खेत में खड़ी फसल गिरी तो मंडी में हजारों बोरी गेहूं भीगा

Arvind ShuklaArvind Shukla   7 April 2018 1:30 PM GMT

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आंधी और बारिश से किसानों को झटका,   खेत में खड़ी फसल गिरी तो मंडी में हजारों बोरी गेहूं भीगाबारिश और आंधी से गेहूं किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान। फोटो- अभिषेक वर्मा

लखनऊ। बीती रात आंधी के साथ हुई बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ ही हरियाणा के कई इलाकों में आंधी के चलते गेहूं की खड़ी फसल का नुकसान हुआ। तो बारिश में मंडियों में पड़ा गेहूं भी भीग गया।

शुक्रवार शाम को पश्चिमी यूपी , हरियाणा और उत्तराखंड के खटीमा जैसे इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। हरियाणा में हजारों क्विंटल गेहूं मंडियों में पहुंच गया है, अचानक हुई इस बारिश से वो गेहूं भीग गया। कई जिलों में आंधी से गेहूं में लगी फसलों को नुकसान हआ है।

वहीं देर रात करीब 2 बजे आंधी पानी का दौर दोबारा शुरु हुआ। लखनऊ में करीब 1 बजकर पचास मिनट पर तेज आंधी आई, जिसके बाद करीब 10 मिनट तक बारिश होती रही। यूपी के लखनऊ, पीलीभीत, बाराबंकी समेत कई जिलों में किसानों ने गेहूं काटना शुरु कर दिया था, ऐसे में कंबाइन से कटा गेहूं काफी किसानों के दरवाजों पर पड़ा था, जिसे नुकसान हुआ। बाराबंकी जिले के एक किसान ने फोन पर बताया, अभी ज्याुदा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन अब अगर तेज हवा चली तो बुलई मिट्टी में लगा गेहूं गिर जाएगाु.. क्योंकि अभी ज्यादा नुकसान नहीं हआ। है।”

लखनऊ में अपने खेत में भीगी गेहूं की फसल को उठाते साहबदीन। फोटो- अभिषेक वर्मा।

“ मेरे पास 2 बीघा गेहूं था, 12-15 हजार रुपए मिलने की उम्मीद थी, 2-3 दिन पहले ही फसल काटी थी, सूखने के पड़ी थी, लेकिन अब पानी भर गया है। देखो कितना नुकसान होता है।”

उत्तराखंड से सटे यूपी के पीलीभीत में तेज हवा के चलते कई जगह पेड़ गिए गए। यहां भी फसलों को नुकसान हुआ है। उत्तराखंड से सटे यूपी के पीलीभीत में तेज हवा के चलते कई जगह पेड़ गिए गए। यहां भी फसलों को नुकसान हुआ है।

खड़ी फसल और मंडी के अलावा सबसे ज्याद नुकसान उन किसानों को होने की आशंका है, जिन्हें हाथ से गेहूं कटाया था और थ्रेसिंग के लिए उसके सूखने का इंतजार कर रहे थे। लखनऊ में मोहन रोड इलाके में काफी खेतों में पानी भरा हुआ देखा गया। लखनऊ के ही लालताखेड़ा गांव के किसान साहबदीन सुबह सुबह अपने खेत का हाल देखने पहुंचे थे, वो बताते हैं,“ मेरे पास 2 बीघा गेहूं था, 12-15 हजार रुपए मिलने की उम्मीद थी, 2-3 दिन पहले ही फसल काटी थी, सूखने के पड़ी थी, लेकिन अब पानी भर गया है। देखो कितना नुकसान होता है।”

मंडी में भीगा गेहूं। फोटो- साभार मेघराज

बाराबंकी जिले में बेलहरा के किसान वीरेंद्र कुमार बताते है, “यहां सब्जियों की खेती ज्यादा होती है तो कद्दू, लौकी और खीरा, खरबूजा तैयार हैं। उसे तो ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन मिर्च के तैयार हो रहे पौधे आंधी के चलते झुक गए है। लेकिन खोद कर रखे गए लहसुन को काफी नुकसान हआ है।” कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक ये बारिश मेंथा, गन्ना समेत दूसरी फसलों के लिए अच्छी साबित होगी।

बरसात में किसानों की कमर तोड़ कर रख दी खेतों में कटा गेहूं पूरी तरह से बर्बाद हो गया। तैयार लहसुन की फसल पर भी बरसात में बुरा प्रभाव डाला है। हरी मिर्च के खेती करने वाले किसानों बरसात में खासा निराश किया है। खेत में पानी भरने के बाद जैसे जैसे धूप तेज होती जा रही है हरी मिर्च के पौधे मुरझाते जा रहे हैं। तेज हवा और बरसात होने के कारण आम की बागवानी करने वाले किसानों को भी घाटा उठाना पड़ सकता है। रात में अचानक हुई बरसात में किसानों को अपनी फसल समेटने तक का मौका नहीं दिया।

लहसुन की तैयार फसल के भीगने से उसके काले पड़ने की आशंका। फोटो- वीरेंद्र सिंह

    

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