पूर्वी उत्तर प्रदेश में अब हरित क्रांति के विस्तार की तैयारी 

Ashwani NigamAshwani Nigam   11 Dec 2016 5:40 PM GMT

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पूर्वी उत्तर प्रदेश में अब हरित क्रांति के विस्तार की तैयारी प्रतीकात्मक फोटो (साभार: गूगल)।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार पिछले कई सालों से कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन इन योजनाओं से जितनी सफलता मिलनी चाहिए, नहीं मिल रही है। ऐसे में धान और गेहूं की पैदावार को बढ़ाने के लिए इस बार राज्य सरकार ने पूर्वांचल में दूसरी हरित क्रांति के विस्तार की योजना शुरू की है। जिसमें किसानों को सरकार की तरफ से वह सभी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसमे वे अपने खाद्यान्न उत्पादन को दोगुना और तीन गुना कर सकें। सरकार किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीक की ट्रेनिंग देने के साथ ही बीज, खाद और कृषि उपकरणों को किसानों को दे रही है। सरकार का लक्ष्य है कि किसान इसका लाभ उठाकर अपने खेतों की पैदावार बढ़ा सकेंगे।

पांच जिलों में गेहूं की पैदावार को दोगुना करने का लक्ष्य

पूर्वांचल में हरित क्रांति के विस्तार योजना के तहत यहां के पांच जिलों भदोही, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, अम्बेडकर नगर और फैजाबाद में गेहूं फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए चयनित किया गया है। यहां के किसानों को सरकार अनुदान पर गेहूं की उन्नतशील बीजों का वितरण कराने के साथ ही सिंचाई के लिए पम्पसेट, ड्रमसीडर, रोटावेटर, कोनोवीडर, पावर नेपसेक स्प्रेसर, पावर वीडर, पैडी थ्रेशर, मल्टी क्राप थ्रेशर, लेजर लैंड लेवलर, सेल्फ, हैपी सीडर, पावर टिलर और मानव चलित स्प्रेयर देगी। जिसकी मदद से किसान गेहूं की पैदावार बढ़ा पाएंगे।

14 जिलों में धान की पैदावार को बढ़ाने का लक्ष्य

हरित क्रांति विस्तार योजना के विस्तार में पूर्वा उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में धान उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें इलाहाबाद, कौशाम्बी, वाराणसी, चंदौली्र सोनभद्र, भदोही, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर और गोण्डा जिले में धान उत्पादन बढ़ाने के लिए यहां के लघु, सीमांत, बड़े और महिला किसानों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे धान का उत्पादन बढ़ सके।

संकर बीजों को बढ़ावा दिया जाएगा

प्रदेश में 92 प्रतिशत किसान लघु और सीमांत श्रेणी के हैं। जिनका आर्थिक स्तर कमजोर है। ऐसे किसान संकर बीज नहीं खरीद पाते हैं क्योंकि संकर बीजों की व्यवस्था दक्षिण भारत के प्रदेशों के निजी बीज उत्पादक कंपनियों की तरफ से किया जाता है। उत्तर प्रदेश में संकर बीजों का उत्पादन नहीं होता है। ऐसे में हरित क्रांति योजना के चयनित जिलों की सरकार की तरफ से किसानों को संकर बीजों को उपलब्ध कराया जाएगा। यह बीज किसानों के लिए ब्लाक स्तर पर उपलब्ध होगा।

प्रदेश में कृषि उत्पादन को दोगुना-तीन गुना करने का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने लिए सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में हरित क्रांति के विस्तार की योजना 2016-17 की शुरूआत की गई है। जिसमें यहां के विभिन्न जिलों में गेहूं और धान की पैदावार को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को दी जा रही सुविधाओं में पारदर्शिता रखने के लिए ऑनलाइन अनुदान की भी व्यवस्था की गई है।
विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह, कृषिमंत्री उत्तर प्रदेश

     

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