देश में अंगूर की खेती की तरफ किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है, जिसका नतीजा है कि देश में वाइन इंडस्ट्रीज भी तेजी से बढ़ रही है और भारत दुनिया तीसरा सबसे बड़ा वाइन का बाजार बन रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के तहत आने वाले ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2018 के अंत तक 21 मिलियन लीटर वाइन उत्पादन के आंकड़े को छू लेगा। अंगूर की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है, इस कारण इसकी खेती करना किसान पसंद कर रहे हैं।
उत्पादन में भारी इजाफा
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। वर्ष 2013 में जहां देश में 117.6 हेक्टेयर में अंगूर की खेती होती थी, वहीं वह बढ़कर 136 हेक्टेयर हो गई है। तीन साल पहले जहां अंगूर का उत्पादन पूरे देश मे कुल 2483.1 टन था, वहीं अब इस साल 2784 टन का उत्पादन हुआ है।
देश में शहरी जीवन शैली में हो रहे बदलाव के कारण पिछले दो दशक से वाइन इंडस्ट्रीज तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर वाइन का बाजार 304 बिलियन यूएस डॉलर का है। एक अनुमान के अनुसार जिस तरह से यह इंडस्टीज बढ़ रही है, यह 2022 तक 380 बिलियन यूएस डॉलर का हो जाएगा।
मोहित सिंगला, चेयरमैन, ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया
दो दशक से वाइन इंडस्ट्रीज में तेजी से बढ़ावा
ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मोहित सिंगला बताते हैं, “देश में शहरी जीवन शैली में हो रहे बदलाव के कारण पिछले दो दशक से वाइन इंडस्ट्रीज तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर वाइन का बाजार 304 बिलियन यूएस डॉलर का है। एक अनुमान के अनुसार जिस तरह से यह इंडस्टीज बढ़ रही है, यह 2022 तक 380 बिलियन यूएस डॉलर का हो जाएगा।”
सबसे ज्यादा खपत इन पांच देशों में
ग्लोबल वाइन मार्केट में अभी यूरोपियन देशों की बादशाहत है और बाजार में उनकी 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है। दुनिया के पांच बड़े वाइन उत्पादक देशों में इटली, फ्रांस, स्पेन, यूनाइटेड स्टेट्स और आस्ट्रेलिया हैं। दूसरी ओर वाइन की सबसे ज्यादा खपत वाले पांच देशों में यूनाइटेड स्टेट्स, फ्रांस, इटली, जर्मनी और चीन हैं।
वाइन की सबसे ज्यादा खपत वाले देश
- यूनाईटेड स्टेट्स
- फ्रांस
- इटली
- जर्मनी
- चीन
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देश में इन तीन प्रदेशों का हिस्सा सबसे ज्यादा
भारत के घरेलू वाइन मार्केट में देश के तीन प्रदेशों महाराष्ट्र, कर्नाटक, और हिमाचल प्रदेश का सबसे ज्यादा हिस्सा है। अगर भारत के पूरे वाइन, बीयर, रम, व्हिस्की और दूसरे बाजार को देखें तो यह भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है। भारत सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानि एपीडा की रिपोर्ट के अनुसार, मादक पेय में एथेनॉल होता है, जिसे सामान्य भाषा में ऐल्कहॉल कहा जाता है। मादक पेय को तीन सामान्य वर्ग बीयर, वाइन और स्प्रिट में विभाजित किया जाता है।
मादक पेय उत्पाद की मांग विश्व बाजार में बढ़ रही
वर्तमान में बीयर को देश में कर्इ स्थानों पर तैयार किया जाता है और इसे टॉप-फर्मेनटिड किया जाता है। भारतीय रम को सहज और स्वादिष्ट पेय माना जाता है। भारत में माल्ट से तैयार बीयर, अंगूर से तैयार वाइन सहित अन्य मादक पेय में ब्रांडी, व्हिस्की, रम और जिन जैसे मादक पेय उत्पाद की मांग विश्व बाजार में बढ़ रही है।
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दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मादक पेय बाजार
भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मादक पेय बाजार है। यहां अनाज से तैयार मादक पेय के उत्पाद के लिए 33,919 किलो लीटर प्रतिवर्ष की लाइसेंस क्षमता वाली 12 ज्वाइंट वेन्चर कंपनियां हैं। भारत सरकार से प्राप्त लाइसेन्स के अधीन करीब 56 यूनिट बीयर का उत्पादन करती हैं। शराब के वर्ग में दो किस्म देशी शराब और भारत में तैयार विदेशी शराब है, जो समाज के विभिन्न वर्गों की मांग पूरी करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कम आय वाले देशी शराब पीते हैं, जबकि मध्य और उच्च आय वर्ग वाले भारत में तैयार विदेशी शराब पीते हैं।
महाराष्ट्र में 1500 एकड़ में अंगूर की खेती
महाराष्ट्र का वाइन उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान है। महाराष्ट्र में 35 से अधिक वाइन यूनिट हैं और राज्य में वाइन उत्पादन के लिए करीब 1500 एकड़ में अंगूर की खेती की जाती है। महाराष्ट्र सरकार ने वाइन उत्पादन व्यापार को लघु स्तर उद्योग घोषित किया है और इसे उत्पाद शुल्क से छूट भी प्रदान की है। भारत ने विश्वभर में वर्ष 2016-17 के दौरान 2,31,33,248 मीट्रिक टन मादक उत्पादों का निर्यात करके 2,000.63 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं। भारत ने सबसे ज्यादा बीयर, वाइन, रम, व्हिस्की का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, घाना, नाइजीरिया, सिंगापुर और नीदरलैंड को किया है।