किसानों को भा रहा ‘नलाई वाला हल’ जाने क्यों

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किसानों को भा रहा ‘नलाई वाला हल’ जाने क्योंनिराई और गुड़ाई में काम आता है नलाई वाला हल।

शामली। गन्ने की फसल में "नलाई वाला हल" किसानों को बहुत पसंद आ रहा है क्योंकि इससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा भूमि की निराई गुड़ाई की जा सकती है। इसमें न डीजल लगता है और न बिजली खर्च होती है, एक ही आदमी आसानी से इसे चला सकता है। गन्ने के साथ नाली वाली दूसरी फसलों में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। खेती-किसानी में ये काफी मददगार हो सकता है।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना बेल्ट शामली जिले में खानपुर तलवा माजरा के किसान अंग्रेज बताते हैं, “ इस निराई वाले हल से 2 घंटे में 3 से 5 बीघा गन्ने की फसल में निराई गुड़ाई की जा सकती है। इससे मजदूरी और समय दोनों बचता है।” अपने हल को दिखाते हुए वो आगे बताते हैं, “ मजदूरों की बड़ी किल्लत है। जो मिलते हैं तो काफी पैसा लगता है, छोटे किसानों के लिए मजदूरी पर खेती कराना महंगा होता जा रहा है, ऐसे में इस हल की मदद से किसान खुद अपना काम कर सकता है।”

वहीं कुरमाली के किसान कृष्ण ने बताया , “ गन्ना हो या दूसरी फसल खतपतवार होना आम बात है। किसान उन्हें खत्म करने के लिए हजारों रुपये या तो कीटनाशकों पर खर्च करते हैं या फिर मजदूर लगाकर निराई और गुड़ाई कराते हैं।” नलाई वाले हल से किसान का पैसा और समय तो बचता ही है खेती की मिट्टी और फसल भी जहरीली होने से बच जाता है।

1300 से 1800 रुपए में आता है हल।

निराई वाले हल की कीमत बाजार में तेरह सौ रुपए से लेकर अठ्ठारह सौ रुपए तक है इसमे नीचे की ओर एक दस इंच का ब्लेड लगा है को खुरपी की तरह काम करता है इसमें पेंच खोल कर तीन छोटे खुरपे भी लगाए जा सकते हैं, जो मिट्टी को पलटने का भी कार्य करते हैं।

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