लखनऊ। फल और सब्जियों का बीज भी एक बड़े उद्योग के रूप में उभर रहा है। किसान अब बीज के लिए भी फल और सब्जियों की खेती करके लाभ कमा सकते हैं। देश में प्रमुख रुप से पैदा हो रहे चुकंदर के बीज, गोभी के बीज, फूलगोभी के बीज, फल के बीज, प्याज़ के बीज, मटर के बीज, अनार के बीज, मूली के बीज और इमली के बीज की देश-विदेश में डिमांड बढ़ रही है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्य बीज खेती के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में उभर रहे हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्ध् एवं उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानि एपीडा के कृषि सलाहकार विनोद कुमार कौल ने बताया ” भारत से वर्ष 2015-16 के दौरान दुनिया में फल और सब्जियों के बीजों का 10,925.60 मीट्रिक टन निर्यात किया गया जिसकी कीमत 493.54 करोड़ रुपए थी। बांग्लादेश ,पाकिस्तान, अमेरिका, नीदरलैंड और जापान भारतीय बीजों के प्रमुख आयातक देश हैं, जहां भारतीय बीजों की मांग बढ़ रही है। ”
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देश के फल और सब्जी उत्पादक किसानों को अब बीज उत्पादन के लिए भी कृषि विभाग की तरफ से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे किसान बीज का उत्पादन अच्छे से कर सकें। नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्विविद्यालय फैजाबाद के कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए.के़ सिंह ने बताया ” फल और सब्जियों की बीज के लिए खेती करने के लिए किसानों को कुछ खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए। बीज के लिए तापमान पर बहुत ध्यान देना होता है। ऐसे में जो भी किसान इसके लिए खेती करें वह पूरी सावधानी बरतें। ”
उन्होंने बताया कि अगर बीज को अच्छी परिस्थितियों में संग्रहित किया जाए तो ज्यादातर बीज सामान्य रूप से 2 या 3 साल के लिए काम आते हैं। सब्जी उत्पादन में एशियाई देशों में भारत का पहला स्थान है, जबकि सब्जियों के बीज व्यापार में पांचवा स्थान है। ऐसे में देश में सब्जी बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान भी किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
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देश में सब्जियों और फलों के परंपरागत बीजों को संरक्षित करने को लेकर भी काम चल रहा है। इसके अलावा बीजों के अनुसंधान को लेकर भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में बीज विकास निगम जैसी संस्थाओं को भी फलों और सब्जियों के बीज के लिए काम करने का निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
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