आईआईएचआर ने विकसित की प्रोसेसिंग के लिए अनुकूल टमाटर की नई किस्में, नहीं लगेंगी कई बीमारियां

Divendra SinghDivendra Singh   9 Oct 2019 8:04 AM GMT

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आईआईएचआर ने विकसित की प्रोसेसिंग के लिए अनुकूल टमाटर की नई किस्में, नहीं लगेंगी कई बीमारियां

अगर आप भी टमाटर की प्रोसेसिंग से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो टमाटर की ये किस्में आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। पहली बार टमाटर की संकर किस्मों को प्रोसेसिंग के लिए ही विकसित किया गया है।

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलूरू के वैज्ञानिकों ने टमाटर की नई किस्में 'अर्का विशेष' और 'अर्का अपेक्षा' विकसित की है, जो प्रसंस्करण के हिसाब से सबसे अच्छी संकर किस्में हैं।

पांच साल के प्रयासों के बाद संस्थान ने इन किस्मों को विकसित किया है। संस्थान के डिवीजन ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ हरिंदर सिंह ओबेराय टमाटर की इस किस्म के बारे में बताते हैं, "पहली बार है जब टमाटर की किसी प्रजाति को प्रोसेसिंग के लिए ही विकसित किया गया है।"

अभी तक की हाईब्रिड किस्मों से प्रति हेक्टेयर 40 टन का उत्पादन मिलता है, जबकि इससे प्रति हेक्टेयर 50 टन का उत्पादन हो सकता है, इस नई किस्म में 25 प्रतिशत अधिक उत्पादन मिलता है और ड्रिप सिंचाई से खेती करते हैं प्रति हेक्टेयर 100 टन टमाटर का उत्पादन भी हो सकता है।


"अधिक पैदावार से किसानों को खेती की लागत कम होगी। इसके अलावा, इन संकर किस्में पत्ती के कर्ल वायरस, बैक्टीरियल विल्ट और अर्ली ब्लाइट जैसे रोग के लिए प्रतिरोधी हैं, जो किसानों को फसल पर स्प्रे की संख्या को कम करने में मदद करता है, वो आगे बताते हैं।

संस्थान के फार्म में इन किस्मों की खेती शुरू हो गई, दिसम्बर तक इन किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध हो जाएंगे। वो आगे कहते हैं, "हम कई कंपनियों से भी बात कर रहे हैं, जिससे किसानों तक बीज आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।

टमाटर की प्रोसेसिंग करने वाले प्रोसेसर ज्यादातर जनवरी-मार्च के महीने में प्रोसेसिंग करते हैं। एक किलो टमाटर के पेस्ट के लिए करीब सात किलो टमाटर की जरूरत होती है।

उद्योग के सूत्रों के अनुसार, भारत को लगभग 1.2 लाख टन टमाटर के पेस्ट की आवश्यकता होती है, जिसमें से लगभग 70,000 टन स्थानीय रूप से निर्मित होता है और बाकी का आयात मुख्य रूप से चीन से होता है। आने वाले समय में इन किस्मों की मदद से यहीं पर टमाटर की प्रोसेसिंग हो जाएगी, जिससे बाहर से आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

देश में महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम टमाटर के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है।

  

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