नयी दिल्ली (भाषा)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग पर भारत और मिस्त्र के बीच एमओयू को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया। इसके तहत सहयोग के क्षेत्रों में फसल (विशेष तौर पर गेहूं और मक्का), कृषि जैव प्रौद्योगिकी, नैनो टेक्नोलॉजी, जल संरक्षण एवं सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्यागिकी सहित सिंचाई और जल प्रबंधन तकनीक, ऊर्जा उत्पादन के लिए कृषि अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं।
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नये समझौते इसके तहत दोनों देश खाद्य संरक्षण, सुरक्षा एवं गुणवत्ता, बागवानी, जैविक कृषि, पशुपालन डेरी, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, कृषि उत्पाद एवं मूल्यवर्धन, पादप एवं पशु उत्पादों के व्यापार से संबंधित स्वच्छता मामलों, कृषि औजारों एवं उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग कर सकेंगे।
एमओयू में कृषि कारोबार और विपणन, कटाई से पहले और बाद की प्रक्रियाओं, खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रसंस्करण, कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन, कृषि विस्तार और ग्रामीण विकास, कृषि व्यापार एवं निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी मुद्दों, बीज के क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान एवं मानव संसाधन और पारस्परिक हित वाले अन्य सहमति के मुद्दे शामिल हैं। इसके तहत वैज्ञानिक शोध एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, कृषि संबंधी सूचनाओं और विज्ञान संबंधी प्रकाशनों (पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों, बुलेटिन, कृषि एवं सहायक क्षेत्र के सांख्यिकीय आंकड़े), कृषि प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान, सम्मेलनों, कार्यशालाओं और अन्य गतिविधियों के जरिए सहयोग को प्रभावी बनाया जाएगा।
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इस एमओयू के तहत एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया जाएगा ताकि द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत सहित पांरपरिक हित वाले अन्य मुद्दों पर सहयोग को बेहतर किया जा सके। शुरुआती दो वर्षों के दौरान संयुक्त कार्य समूह की बैठक कम से कम साल में एक बार (भारत और मिस्त्र में) जरूर होगी।