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सहफसली खेती बन रही इन किसानों को लिए मुनाफे की खेती 

सहफसली खेती

जैसे-जैसे खेती योग्य जमीन का दायरा सिमटता जा रहा है ऐसे में बाराबंकी के किसानों ने सहफसली खेती को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है और अब कई तरह की सह फसली खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं।

बाराबंकी जिले के अधिकतर ब्लॉकों में इस समय लहसुन के साथ हरी मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। जिला उद्यान अधिकारी जयकरण सिंह बताते हैं कि इस समय जिले में लहसुन के साथ हरी मिर्च की खेती लगभग 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जा रही है साथ ही प्याज की खेती के साथ भी किसान हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं हरी मिर्च कि सहफसली खेती 550 हेक्टेयर मे की जा रही है।

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वो आगे बताते हैं कि सरकार लहसुन और हरी मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की तरफ से 12 हजार रुपया का अनुदान दिया जा रहा है।

जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर उत्तर दिशा फतेहपुर ब्लॉक के सौरंगा निवासी अजमत अली (45 वर्ष) बताते हैं, “हम पिछले कई साल से लहसुन और मिर्च की सहफसली खेती कर रहे हैं लहसुन की खेती में जो भी खाद पानी और दवा का इस्तेमाल होता है। उसी में मिर्च की फसल भी तैयार हो जाती है एक ही लागत में दो फसलें करने से हमें अच्छा मुनाफा होता है लहसुन की फसल जब लगभग तैयार होने को होती है उसी वक्त मिर्च का भी उत्पादन होने लगता है लहसुन की खुदाई करने के बाद हम मिर्च के पौधों पर मिट्टी चढ़ा देते हैं ताकि पौधे तेज हवा में गिरने ना पाए।”

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वहीं सूरतगंज ब्लॉक के जलालपुर निवासी रिन्कू वर्मा (40 वर्ष) बताते हैं कि मिर्च की खेती सितंबर के अखिरी सप्ताह या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में कर दी जाती है लहसुन की बुवाई हम 15-15 सेमी की दूरी पर करते हैं और खेतों में तीन -तीन फिट की दूरी पर की क्यारियां बनाते हैं और इन क्यारियों की मेड़ों पर मिर्च की नर्सरी तैयार करके पौधों की रोपाई कर देते हैं जिनकी क्यारी से क्यारी की दूरी तीन फीट और पौधे से पौधे की दूरी एक फीट की रखते हैं सहफसली खेती में उचित दूरी का विशेष महत्व होता है इसलिए हम अपनी फसल में दूरी का विशेष ध्यान रखते हैं।

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देवा ब्लॉक के लालापुर गाँव के किसान दीपू मौर्या बताते हैं, “एक एकड़ क्षेत्र फल में लगभग 250 किग्रा से तीन कुंतल तक का लहसुन का बीज लग जाता है और अगर अच्छा उत्पादन हुआ तो एक एकड़ में 35 से 40 कुंतल तक का लहसुन उत्पादन हो सकता है साथ ही एक एकड़ में मिर्च 200 से ढाई सौ कुंटल तक उत्पादन होता है। बाजार भाव निश्चित नहीं है पर 10 रुपए किलो से लेकर 30-40 रुपए तक हरा मिर्च बिक जाता है जब उत्पादन ज्यादा होने लगता है तो यह रेट न्यूनतम पांच किग्रा तक आ जाता है और लहसुन का भी पिछले कुछ वर्षों से अच्छा रेट मिल रहा है।ष्

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