लखनऊ। सर्दियों के मौसम में मछलियों के विकास दर पर काफी असर पड़ता है, इसलिए मछली पालकों को इस मौसम में सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है।
“नवंबर, दिसंबर और जनवरी इन महीनों में मछली पालकों को यह देखना चाहिए कि अगर आसमान में बादल छा जाए तो ऐसे में अपने तालाब पर जाना चाहिए और यह देखना चाहिए कि मछली कहीं पानी से ऊपर की मुंह तो नहीं निकाल रही है। क्योंकि सर्दियों में अक्सर तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और ऐसी स्थिति में मछली मरने के स्थिति आ जाती है।” ऐसा बताते हैं, लखनऊ जिले में तालाब उत्पादन विशेषज्ञ नरेंद्र कुमार दुबे।
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ज्यादातर मछली पालक इस मौसम में ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान होता है। इसलिए इस मौसम में मछली पालन व्यवसाय में मछली और तालाबों की देखरेख और प्रबंधन की खास जरूरत होती है। सर्दियों में मछलियों के आहार के बारे में दुबे बताते हैं, “सर्दियों के मौसम में मछलियां सुस्त रहती है और कम गतिविधियां करती है इसलिए मछलियों को बहुत ही कम भोजन देना चाहिए।”
तालाब के रख-रखाव के बारे में नरेंद्र दुबे बताते हैं, ”सर्दियों में मछलियां सुस्त होने से उनमें मूवमेंट कम होता है। इसलिए इस मौसम में 15-20 दिन के बाद तालाब में जाल जरूर चलाना चाहिए, इससे वह सुस्त नहीं रहती है और उनकी ग्रोथ भी अच्छी होती है।”
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इन बातों का भी रखें ध्यान
- तालाब में 15 दिन या एक महीने में थोड़ा ताजा पानी डालना चाहिए और जो भी पुराना पानी उसको लगभग 1/4 या उससे कम निकाल देना चाहिए और नए पानी का समावेश करते रहना चाहिए।
- तालाब में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए तालाब में ऊंचाई से पानी डालते रहना चाहिए या ऑक्सीजन का ऐरियेटर को प्रति दिन एक-दो घंटे चलाते रहे तो तालाब में मछलियों की वृद्वि होती रहेगी।
- समय-समय पर तालाब में जाल चलाकर देखते रहना चाहिए कि मछली स्वस्थ है या नहीं।