युवाओं को सशक्त बना रहा कृषि विज्ञान केंद्र
Diti Bajpai 16 April 2017 3:28 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
बरेली। पदारथपुर गाँव के मो. आसिफ मंसूरी (27 वर्ष) कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से अपने गाँव में ही आधुनिक तरीके से मिश्रित मछली पालन कर रहे हैं। आसिफ इस व्यवसाय से सलाना लाखों की कमाई कर रहे हैं।
शहर से दक्षिण दिशा में 7 किमी दूर बिटहीरी चैनपुर ब्लॉक के पदारथपुर गाँव में आसिफ लगभग चार वर्षों से मछली पालन कर रहे हैं। आसिफ बताते हैं, “पहले विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लिया उसके बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। मेरे गाँव के कई युवा मुझे देखकर मछली पालन कर रहे हैं। मछली पालन एक अच्छा रोजगार है।”
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आसिफ का मछली फार्म दस एकड़ में बना हुआ है, जिसमें दो तालाब बने हुए हैं। इन तालाबों में रोहू, कतला, नैन, ग्राफ पली हुई है। आसिफ बताते हैं, “दो तालाबों से 450 से 500 कुंतल मछली का उत्पादन करते हैं जिससे लाखों का मुनाफा होता है। लोकल बाजार में मांग ज्यादा है तो आसानी से बिक भी जाती हैं।”
पदारथपुर गाँव के आसिफ ही नहीं बल्कि कई युवा किसान केवीके से प्रशिक्षण लेकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बरेली स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ बी.पी सिंह ने बताया, “पशुपालन और खेती की तरफ युवाओं की ज्यादा से ज्यादा रुचि बढ़े। इसके लिए केंद्र में हर साल मछली पालन, सूकर, डेयरी, कुक्कुट, मशरुम की खेती जैसे कई प्रशिक्षण दिए जाते हैं। बरेली के सैकड़ों युवा किसान अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। युवा किसान नई-नई तकनीक को जानकर खेती और पशुपालन कर रहे है।”
सूकर पालन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद काम शुरू किया आज इससे आथिर्क स्थिति भी काफी मजबूत हुई है।अमर, सूकर पालक
29 वर्षीय अमर सिंह सूकर पालन का प्रशिक्षण लेकर लाखों की कमाई कर रहे है। रामपुर जिले से करीब 25 किमी दूर गंगापुर कला गाँव में ढाई बीघा में अमर का सूकर फार्म बना हुआ है, जिसमें करीब 150 सूकर है।
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