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किसानों के लिए अलर्ट- 31 अगस्त तक चुका दें किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया लोन, वरना 4 की जगह 7 फीसदी ब्याज देना होगा

किसान क्रेडिट कार्ड (kisan credit card) पर लिया गया लोन अगर किसान भाई 31 अगस्त तक चुका देते हैं तो उन्हें चार फीसदी की दर से ब्याज देना पड़ेगा, वरना ब्याज 7 फीसदी लगेगा। ऐसे में किसान खुद को नुकसान से बचा सकते हैं।
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अगर आप किसान हैं और आप ने किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया है तो ये खबर आपके लिए है। कोरोना के दौरान जो केसीसी चुकाने के लिए आपको छूट मिली थी उसकी समय सीमा अगस्त में खत्म हो रही है। किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने वाले किसानों पर 31 अगस्त तक भुगतान न करने पर 4 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा। 

किसान क्रेडिट कार्ड (kisan credit card) यानि फसल के लिए लिए जाने वाले लोन पर 7 फीसदी की ब्याज दर है लेकिन केंद्र सरकार समय से भुगतान करने वाले किसानों को 3 फीसदी की सब्सिडी देती है। किसानों को ये पैसा एक साल में चुकाना होता है, जिसके बाद उन्हें नया लोन मिल जाता है। कोविड-19 के चलते केंद्र सरकार के आदेश पर भारतीय रिजर्व बैंक ने केसीसी का पैसा जमा करने में छूट देते हुए 31 मार्च की जगह 31 अगस्त किया था। ऐसे में किसान समय पर बकाये का भुगतान करके नुकसान से बच सकते हैं। अब जबकि लॉकडाउन लगभग खत्म हो गया है कृषि कार्य दोबारा से शुरू हो गये हैं, तो ऐसे में अब ऐसी और मोहलत मिलने की उम्मीद न के बराबर है।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने लान वापस करने की तारिश को पहले 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई तक किया था। फिर इसे बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 तक कर दिया गया। अब समय बहुत कम है। जो किसान तय समय पर लोन की राशि चुका देंगे उन्हें 4 फीसदी ब्याज ही देना होगा। समय पर भुगतान नहीं किया तो किसानों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त यानी कि 7 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये सरकार लघु और सीमांत किसानों को खेती और फसल के अनुरूप लोन (केसीसी की लिमिट तय करती है)। किसान तीन साल में इसके जरिये 5 लाख रुपए तक लोन ले सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड की वैलिडिटी 5 साल की होती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब सात करोड़ लोग किसान क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं।

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केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपए तक के लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी होती है लेकिन सरकार इसमें 2 फीसदी की सब्सिडी देती है। इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है, लेकिन समय पर लौटा देने पर सरकार किसानों को 3 फीसदी की छूट देती है। इस तरह किसानों को 4 फीसदी ब्याज का ही भुगतान करना पड़ता है।

सरकार इस योजना से लगभग 2.5 लाख किसानों को और जोड़ने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मुताबिक, “ढाई करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का आसान और रियायती क्रेडिट उपलब्ध कराया जाएगा।”

यूको बैंक, बाराबंकी के मैनेजर त्रिपुरेश मिश्रा गांव कनेक्शन को बताते हैं, “केसीसी लोन पर वैसे तो सात फीसदी का ब्याज लगता है, लेकिन अगर किसान सालभर के अंदर पैसे लौटा देते हैं तो सरकार 4 फीसदी की छूट देती है। फिर वे चाहें तो अगले ही दिन फिर से लोन ले लें।”

“अब अगर किसान 31 अगस्त तक पैसे लौटाते नहीं है तो 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा।” वे आगे कहते हैं।

एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज मंजूर

इकोनॉमिक टाइम्स ने वित्त मंत्रालय के हवाले बताया है कि बैंकों ने कोविड-19 महामारी के समय किसानों आर्थिक मदद के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारक किसानों को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि को मंजूरी दी है।

खबर के मुताबिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 17 अगस्त तक 1.22 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गए हैं। इनकी कर्ज सीमा 1,02,065 करोड़ रुपए है। 1.1 करोड़ किसान क्रेडिट धारकों को 24 जुलाई तक 89,810 करोड़ रुपए कर्ज मंजूर किये गये थे।         

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