किसान कल्याण कार्यशाला: किसानों ने सीखे अपनी आय बढ़ाने के मंत्र

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किसान कल्याण कार्यशाला: किसानों ने सीखे अपनी आय बढ़ाने के मंत्रउत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केंद्र बघड़ा में किसानों को संबोधित करते उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही।

“किसान अगर अपने उत्पादन का समूह बनाकर बिक्री करें तो किसानों को अच्छा मूल्य मिल सकता है। ऐसे कई किसान समूह हैं, जो आज संगठित होकर अपनी उपज का पहले की अपेक्षा कहीं अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं” यह बातें उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक में 2 मई को किसान कल्याण कार्यशाला के दौरान जिला पशु चिकित्साधिकारी एससी जयसवाल ने सैकड़ों किसानों से कही। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से 2 मई को पूरे देश में ब्लॉक स्तर पर ग्राम स्वराज अभियान के तहत किसान कल्याण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में किसानों को उदाहरण देते हुए एससी जायसवाल ने आगे कहा, “जो आपके यहां दूध 25 रुपए लीटर बिकता है, वही शहरों में पैकेट बन्द दूध तिगुना-चौगुना रुपए में बिक रहा है जबकि शहरों में लोग शुद्ध दूध दूध प्राप्त करने के लिए सौ रुपए तक दाम चुका रहे हैं।“

वहीं, औरैया जिले के सदर ब्लॉक में किसान मेले का शुभारंभ भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह चौहान ने किया। यहां किसान कल्याण कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिक डॉ. अंनत कुमार ने बताया, “किसान विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराएं और अनुदान पर बीज लेकर बुआई करें, जिससे बाजार से बीज न लेना पड़े।“ एडीओ एजी रमेश कुमार ने किसानों को बताया, “किसान उर्वरक की खरीदारी न कर कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों में डालें, जिससे फसल भी अच्छी होगी और पैसे की भी बचत होगी।“

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आलू और मक्का की खेती क्यों?

इसी तरह उत्तर प्रदेश के ही कन्नौज जिले के उमर्दा ब्लॉक में भी किसान कल्याण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यहां किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में मुख्य विकास अधिकारी अवधेश बहादुर सिंह ने किसानों से कहा, “यहां के किसान सिर्फ आलू और मक्का ही करते हैं। किसान अन्य फसलें, बागवानी और सब्जियां भी करें। जिस तरह से शरीर के लिए दाल, मक्का, गेहूं, सब्जी और फल हर चीज की जरूरत होती है, उसी प्रकार किसान को सभी का उत्पादन करना चाहिए।“

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख उमर्दा अजय वर्मा ने कहा, ‘‘केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें किसानों के लिए अच्छा काम कर रही हैं। किसान जानकारी कर योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।“

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उत्तर प्रदेश के ही कन्नौज जिले के उमर्दा ब्लॉक में किसान कल्याण कार्यशाला के दौरान किसानों को जानकारी देते कृषि विभाग के अफसर।

अब तक गाँव तक नहीं पहुंच पाती थी योजनाएं

यहां कन्नौज से करीब 20 किमी दूर खरगपुर ठठिया निवासी 60 साल के किसान रामविलास बताते हैं, ‘‘अब तक सरकारी की जितनी भी योजनाएं हैं, वे गाँव तक नहीं पहुंच पाती थी, मगर आज के कार्यक्रम में हमको अच्छी जानकारी मिली हैं। अभी तक ऐसी जानकारी हमें नहीं थी। खेतों की मिट्टी चेक करवाकर तत्वों की कमी पता चल सकेगी। उसी हिसाब से हम खाद भी डालेंगे। हम लोग अभी तक पुराने ढर्रे पर खाद डालते आए हैं।“

वहीं, हरेईपुर निवासी 52 साल के किसान हदयनारायण द्विवेदी ने बताया, “हम लोग उन्नतशील बीजों का प्रयोग तो करते थे, लेकिन बीज, खाद और पानी कब देना इसकी जानकारी नहीं थी। जिसके कारण पैदावार कम होती है। किसान कल्याण कार्यशाला में हमें पूरी जानकारी मिली है, अब देखेंगे कि फसल में क्या फायदा होता है।“

जागरुकता पर निर्भर करती है सरकार की नीतियों की सफलता

वहीं हरियाणा के जींद के एक ब्लॉक में किसान कल्याण कार्यशाला के दौरान केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा लागू नीतियों की सफलता किसान की रुचि और जागरुकता पर निर्भर करती है। ऐसे में किसानों को परंपरागत और केवल मात्र खाद्यान्न की कृषि के अलावा व्यवसायिक खेती पर भी बल देना चाहिए।“

केन्द्रीय मंत्री ने दावा किया कि केन्द्र और प्रदेश सरकार की कृषि कल्याण क्षेत्र में क्रियान्वित नीतियों के फलस्वरूप निश्चित रूप से 2022 तक ग्रामीण आबादी की आमदनी दोगुनी होगी, जिसका सीधा फायदा किसान, मजदूर और आम व्यापारी को होगा।

मंत्री ने कहा, “केन्द्र सरकार ने किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए आगामी खरीफ सीजन से फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन की वनिस्पत 50 प्रतिशत अधिक निर्धारित करने का फैसला लिया है। फसल लागत में किसान परिवार का श्रम, जोखिम और ठेका भी शामिल किया जाएगा।“ कहा, “वर्तमान में जमीनी जोत क्षेत्र कम होने के कारण सिर्फ खाद्यान एवं परम्परागत खेती से किसान की आर्थिक हालत में मजबूती सम्भव नहीं है। इसलिए किसान वर्ग को मधु मक्खी पालन, मत्स्य पालन, पशु पालन, बागबानी, फल एवं सब्जी जैसे दूसरे व्यवसायों को अपनाने की जरूरत है।“

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं किसान

मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केंद्र बघड़ा में पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को सुनते किसान।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केंद्र बघड़ा में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसान कल्याण कार्यशाला का फीता काटकर शुभारंभ किया। यहां किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करें और सीधे किसान को उसकी फसल का मुनाफा मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि किसान सरकारी योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाए और फसल में अपनी लागत कम कर अच्छा लाभ प्राप्त करे।“

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उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद ब्लॉक में किसानों को सम्मानित करते उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा।

वहीं उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद ब्लॉक में किसान कल्याण कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने किसानों से कहा, “सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है, वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसानों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, ऐसे में किसान इन योजनाओं का पूरी तरह से लाभ उठाएं।“

(रिपोटर: कन्नौज से अजय मिश्रा, बाराबंकी से वीरेंद्र सिंह, मलिहाबाद से अश्वनी द्विवेदी, औरैया से इश्तयाक खान)

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