कम खर्चीली हैं धान की ये क़िस्में
Devanshu Mani Tiwari 31 May 2017 12:32 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। बीते दिन हुई वर्षा से खेतों में नमी की मात्रा अच्छी हो गई है। ऐसे में किसान इस नमी का फायदा उठाते हुए धान की उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं। फैज़ाबाद स्थित नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में धान की कुछ उन्नत किस्में विकसित की हैं। बारिश के दौरान इन किस्मों की खेती से कम समय में धान की अच्छी पैदावार मिल सकती है।
इस बारिश को धान की कुछ किस्मों के लिए अधिक फायदेमंद बताते हुए नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय, फैज़ाबाद के वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने बताया, “पिछले दिन हुआ बारिश धान की बुवाई करने जा रहे किसानों के लिए वारदान साबित हो सकती है। बारिश की वजह से खेतों में नमी बरकरार है। अगर इस समय किसान धान की आईआर67 - सब1, फोरना- सब1, सभा मसूरी 1 और एनडीआर -359 जैसी किस्मों की खेती करें, तो इसका अच्छा परिणाम मिल सकता है।”
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आईआर67 - सब1, फोरना- सब1, सभा मसूरी 1 जैसी किस्में नमी में अच्छी फलती है। इसके अलावा अगर इस दौरान तेज़ बारिश होती है, तो खेतों में पानी भर जाने से धान के बीज के टूटने की समस्या भी धान की इन किस्मों में कम होती है।
“बारिश होने से इस समय किसानों का धान पर सिंचाई का खर्चा कम हो गया है। इसके साथ ही जोते गए खेतों में पानी गिरने से खेत में जमा खरपतवार दब गए हैं। इसलिए इस समय यह ज़रूरी है कि किसान धान की उन्नत किस्मों को चुने और समय रहते इनकी बोआई कर दें।” डॉ. एके सिंह ने बताया।
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बारिश की मदद से धान के खेतों पर्याप्त नमी हो जाने से खेतों में उर्वरक की मात्रा कम देनी होगी। इसके साथ साथ नमी में बोए गए धान की पैदावार भी अच्छी मिलेगी। धान की ये किस्में अन्य किस्मों की तुलना में तैयार होने में कम समय लेती है। ये किस्में तैयार होने में 120 -125 दिनों का समय लेती हैं।
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