यहां के किसान कागज से उगा रहे पौधे
Anand Tripathi 23 Oct 2017 4:00 PM GMT

लखनऊ। पर्यावरण को बचाने और देशी बीजों को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश के एक किसान समूह ने अनोखी पहल की है। इसके तहत जो कागज इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिए जाते हैं, उससे अब पौधे उगेंगे। हो सकता है ये बात आपको अटपटी लगे पर ये हकीकत है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले पारडसिंगा गाँव में एक किसान समूह ने सीड पेपर तैयार किया है। इस सीड पेपर का प्रयोग ग्रीटिंग कार्ड, इनविटेशन कार्ड, फ्रेंडशिप कार्ड आदि के तौर पर किया जा सकता है। अक्सर घरों में देखा जाता है कि लोग काम होने के बाद कार्ड फेंक देते हैं पर अगर अब कोई चाहे तो उस कार्ड से पौधे उगा सकता है। ग्राम आर्ट प्रोजेक्ट किसानों का एक समूह है जो देशी बीजों और जैविक खेती को बढ़ावा देता है।
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इस समूह की सदस्य श्वेता भटड बताती हैं, "पर्यावरण को बढ़ाने के उद्देश्य से ये पहल की गई है। इस कार्ड में आपटा, पलाश, करंज, चारोली, इमली, चिंच, सीताफल मूली, अंबाड़ी, आपरा, आश्वगंधा सहित कई प्रकार के बीज डाले जाते हैं। इस काम को पचास महिला किसान मिलकर करती हैं।" वह आगे बताती हैं, "आजकल ज्यादातर लोग हाईब्रिड बीजों को प्रयोग करते हैं इस काम के पीछा मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग देशी बीजों का प्रयोग करें।"
ऐसे बनाते हैं सीड पेपर
ग्राम आर्ट प्रोजेक्ट की सदस्य नूतन द्विवेदी बताती हैं, "पुराने अखबार और कागज को बारीक काटकर पानी में भीगो देते हैं। 24 घंटे भिगने के बाद फिर उसको पीसकर लुगदी बनाते हैं और हल्का सा नेचुरल कलर मिलाते हैं। फिर उसे बड़ी छन्नी से छान लेते हैं, जिससे लुगदी का पानी निकल जाता है। इस पर सीड डालकर छांव में सूखाते हैं। इस तरह से सीड पेपर तैयार होता है।"
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कई जगह से मिला है ऑडर्र
महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी सुनील पेडगावकर बताते हैं, "मेरे बेटे की शादी थी मैंने इनविटेशन कार्ड यहीं से लिए थे। अगर 50 फीसदी कार्ड से भी पौधे लग गए तो पर्यावरण को इससे काफी फायदा होगा।" वह आगे बताते हैं, "मैं इन सीड पेपर के बारे में अपने दोस्तों के बारे में भी बता रहा हूं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका प्रयोग करें।"
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