महिला किसान दिवस: महिंद्रा राइज ने शुरू की महिला किसानों के लिए ‘प्रेरणा’
Kushal Mishra 15 Oct 2017 5:47 PM GMT
लखनऊ। देशभर में कृषि क्षेत्र में महिला किसान ऐसे खेती के औजारों का उपयोग करती हैं, जिनका उपयोग कर पाना उनके लिए आसान नहीं है। ऐसे में उन्हें खेत में काम करते हुए कई बार चोट लगती है और उनका काम अधिक कठिन बन जाता है। मगर अब राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के अवसर पर ‘महिंद्रा राइज’ ने देशभर की महिला किसानों के लिए ‘प्रेरणा’ नाम से एक पहल शुरू की है, जिसमें विशेषकर महिला किसानों के लिए कृषि यंत्र बनाए जाएंगे। इन कृषि यंत्रों से न सिर्फ महिला किसानों का काम आसान होगा, बल्कि उन्हें इन कृषि औजारों के इस्तेमाल से अच्छी उत्पादकता भी मिलेगी।
भारत में कृषि क्षेत्र में महिलाओं की बड़ी भूमिका है। वे कृषि क्षेत्र में बुनियादी काम करती हैं, इसके बावजूद महिला किसान अपना अधिकार प्राप्त करने और सम्मान करने के लिए संघर्ष करती हैं।
खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में कुल श्रम में ग्रामीण महिलाओं का योगदान 43 प्रतिशत है, वहीं कुछ विकसित देशों में यह आंकड़ा 70 से 80 प्रतिशत भी है। भारत में कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका की बात करें तो देशभर में कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है और 79 प्रतिशत किसान महिलाएं कृषि श्रमिक के रूप में योगदान देती हैं। इसके बावजूद महिला खेत मजदूरों के रूप में करीब 68 रुपए औसत प्रति दिन की कमाई है।
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भारत में 15 अक्टूबर को पहली बार देशभर में मनाए जा रहे राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के अवसर पर ‘महिंद्रा राइज’ ने महिला किसानों की कृषि क्षेत्र में भूमिका को और बेहतर बनाने के लिए ‘प्ररेणा’ पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत महिला किसानों के लिए ऐसे कृषि यंत्र बनाए जाएंगे जो उनके लिए आसान, सुरक्षित और अधिक उत्पादन दे सकें। ये औजार उन्हें अधिक कुशलतापूर्वक और कम प्रयास के साथ काम करने में सक्षम बनाते हैं। इस पहल में केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर और ‘प्रदान’ सहयोग कर रहे हैं।
इससे पहले वर्ष 2015 में महिंद्रा ने ‘द बीज द राइज’ पहल से भारत में किसानों की मदद के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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