पिछले कुछ वर्षों में खेती से किसानों का रुझान कम हुआ है, लेकिन ऐसे भी कई किसान हैं जो परंपरागत खेती से हटकर सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर पश्चिम में सरेनी ब्लॉक के मुरारमऊ गाँव के किसान देवी प्रसाद (55 वर्ष) पिछले कई वर्षों से खेती कर रहे हैं। खेती के माध्यम से हुए मुनाफे से वो वाहन और कई सारे पशु खरीद चुके हैं और आज अपने क्षेत्र में एक सफल किसान के रूप में जाने जाते हैं।
देवी प्रसाद बताते हैं, “बचपन में ही हमारे सिर से पिता का साया हट गया। गरीबी अधिक थी और थोड़ी सी जमीन थी जो मां के इलाज के लिए हमने अपनी जमीन तीन सौ रुपए में गिरवी रख दी। मेरे पास हुनर के नाम पर सिर्फ खेती ही थी। इसके सिवा मुझे कुछ नहीं आता था। अपनी ही जमीन को बटाई पर लेकर मैंने सब्जियों की खेती शुरू की और अपने सर पर टोकरी रखकर गाँव-गाँव सब्जियां बेचने जाता था। मुझे हर वर्ष अच्छा मुनाफा मिलता गया और मैंने अपनी गिरवी पड़ी जमीन छुड़ाई आज मेरे पास कई बीघे खेत हैं और ढेर सारे पशु।”
रायबरेली जिले में लगभग 78 फ़ीसदी कृषि योग्य भूमि है। यहां के किसान अधिकतर धान गेहूं सरसों और आलू की खेती करते हैं। जिले में सिर्फ 10 फीसदी किसान ऐसे हैं जो पूर्णता सब्जियों की खेती करते हैं। आंकड़ों के अनुसार सब्जी किसानों की आर्थिक स्थिति अन्य किसानों की अपेक्षा अधिक मजबूत है।
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बछरावां ब्लॉक के ग्राम सभा थुलेंडी के 56 वर्षीय हरिशंकर मौर्या एक सफल सब्जी किसान माने जाते हैं। उनके पास कृषि योग्य भूमि तो कम है पर इतनी कम भूमि में वह तरह तरह की सब्जियां उगा कर अधिक मुनाफा कमा लेते हैं।
हरिशंकर मौर्य बताते हैं, “मेरे पास जमीन तो कम है पर मैं अपने खेत में सहफसली खेती पर ज्यादा जोर देता हूं। मैं अपने एक छोटे से हिस्से में तीन से पांच तरह की सब्जियां सब्जियां उगा लेता हूं। एक तो सब्जियों की खेती मुनाफे वाली खेती होती है दूसरी तरफ सहफसली तकनीक को अपनाने से खाद, पानी, भूमि तीनों की बचत हो जाती है।”
वह आगे बताते हैं, “मैं सभी किसान भाइयों को धान गेहूं के साथ सब्जियों की खेती करने की सलाह भी देता हूं, क्योंकि सब्जियों की खेती नगदी खेती होती है। उसी से कमाओ और उसी में लगाओ जेब से खर्च करने की कोई जरूरत नहीं है।”
इन पांच बातों पर ध्यान दें किसान
बछरावां के ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर प्रदीप नारायण बताते हैं, “विभाग द्वारा किसानों को हमेशा नई नई तकनीक एवं आधुनिकीकरण के बारे में बताया जाता है। सब्जियों की खेती किसानों के लिए हमेशा फायदेमंद व नगदी खेती होती है। अगर किसान इन पांच चीजों को ठीक से समझ ले तो वह खेती को अपना उद्योग बनाकर कम समय में अधिक लाभ कमा सकता है।”
- प्राकृतिक अनुकूलता
- उत्पादन
- प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग)
- प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशन)
- बाजार भाव
इन पांच चीजों में सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक अनुकूलता है। क्योंकि बिना प्रकृति के साथ दिए कुछ भी संभव नहीं है और प्राकृतिक अनुकूलता पर ही उत्पादन निर्भर करता है।