मोटे अनाज के फायदों को बढ़ावा देने के लिए लिखे गये गीत को सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन श्रेणी के तहत ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय संगीतकार रिकी केज ने मिलेट्स, जिसे हम मोटा अनाज भी कहते हैं, उसकी सराहना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की भी सराहना की और उन्हें ग्रैमी पुरस्कार के नामांकन के लिए बधाई दी है।
30 से ज़्यादा देशों में प्रदर्शन करने वाले रिकी केज ने कहा, “मिलेट को सुपर क्रॉप माना जाता है क्योंकि यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए शानदार है और यह पृथ्वी के लिए भी शानदार है; हम सभी को इसे हमारा मिशन बनाना चाहिए कि सभी हमारी जड़ों, हमारी परंपराओं में लौटें, खासकर भारत में, लोग मिलेट की ओर लौटें क्योंकि यह हमारी परंपराओं का एक मजबूत हिस्सा रहा है।”
मोटा अन्नाज क्यों है इतना ख़ास
भारत के घरों की लगभग हर थाली में आज चावल और गेहूँ आपको मिल ही जाएगा; लोगों ने इन्हे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लिया है। लेकिन आज से करीब 60 साल पहले ऐसा नहीं था, देश में लोग मोटे अनाज़ का प्रयोग भी करतें थे और उसकी खेती करना भी आम बात थी। लेकिन साल 1960 में आयी हरित क्रांति के बाद सब बदल गया लोगों ने चावल और गेंहूँ को अपनी थाली में सजा लिया।
Abundance in Millets earns a Grammy nod for Best Global Music Performance, blending the impactful words of Hon’ble PM Shri @narendramodi ji with the musical brilliance of Falguni Shah & Gaurav Shah—a celebration of culture and sustainability!#grammy #millet #music #explore pic.twitter.com/6cr4cARowC
— Poonamben Maadam (@PoonambenMaadam) November 11, 2023
मोटे अनाज़ कई मायनों में ख़ास है; जैसे इनकी खेती करने में पानी की खपत भी कम लगती है और साथ ही ये जल-वायु परिवर्तन भी झेल सकतें है। अगर मिट्टी की गुणवत्त्ता सही न भी हो तब भी मोटे अन्नाज की खेती पर ज़्यादा असर नहीं पड़ता है।
मिलेट्स के क्या है फायदे?
मिलेट्स एक पौष्टिक अनाज है जो चावल, गेंहूँ , और मक्का की तरह है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। 100 ग्राम मिलेट्स खाने से लगभग 320–370 कैलोरी की ऊर्जा मिलती है। मिलेट्स में सामान्य अनाजों की तुलना में अधिक फाइबर होता है, जिससे पाचन, हृदय स्वास्थ्य, और रक्त शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है। इनमें कम ग्लूटेन और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण ये सेलिएक रोग और मधुमेह वाले लोगों के लिए उपयुक्त हैं।
मिलेट्स में फाइटोस्टेरोल, पॉलीफेनॉल, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे प्राकृतिक तत्त्व होते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ये तत्व शरीर की सुरक्षा में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ावा देते हैं जिससे आपको आयु बढ़ने पर हृदय समस्याएं, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों का कम ख़तरा होता है।
अपने एक साक्षात्कार में रिकी केज ने मोटे अनाज के महत्व को समझाते हुए लोगों से अपनी पुरानी परम्पराओं पर लौट आने की अपील की ,साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ की। भारतीय संगीतकार और पर्यावरणविद् रिकी केज कहतें है कि “प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसारित करने के लिए बहुत कुछ किया है क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि पूरी दुनिया एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाए जो हमारे पर्यावरण के लिए बेहतर है। प्रधानमंत्री के प्रयासों के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष को मिलेट्स का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है, जो बिल्कुल अद्भुत है और हम सभी जानते हैं कि जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका गए और वहाँ राष्ट्रपति बाइडेन के घर पर भोज हुआ, तो मिलेट परोसा गया था; यह अद्भुत है कि हमारे प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं और अब यह सचमुच रोमांचक है कि प्रधानमंत्री मोदी अब ग्रैमी नॉमिनी हैं। ”
किस गानें के लिया मिला प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैमी अवार्ड
मिलेट्स पर एक गाना, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं, बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक परफॉर्मेंस श्रेणी में ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित है। गाना मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ और सरकार के पौष्टिक अनाज को प्रमोट करने की कोशिशों को उजागर करता है। “एबंडेंस इन मिलेट्स” नामक गाना संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। इसका संगीत मुंबई में रहने वाले म्यूज़िक कंपोज़र और सिंगर फाल्गुनी शाह और उनके पति और सिंगर गौरव शाह ने तैयार किया है।
ट्रैक में प्रधानमंत्री मोदी के एक भाषण का अंश शामिल है, जो मार्च में नई दिल्ली में हुए वैश्विक मिलेट्स (श्री अन्न) कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन में दिया गया था। “एबंडेंस इन मिलेट्स” को इस साल जून में रिलीज किया गया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 का जश्न मनाया गया।