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राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के ग्वालियर केंद्र से एमपी के 21 जिलों के किसानों को होगा फायदा

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के ग्वालियर केंद्र से उत्तरी मध्य प्रदेश के 21 जिलों के किसानों को बागवानी फसलों और नई योजनाओं की जानकारी मिलेगी।
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मध्य प्रदेश के किसानों को बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के ग्वालियर केंद्र की शुरूआत की गई है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में (एनएचबी) के केंद्र का उद्घाटन किया। इसके माध्यम से उत्तरी मध्य प्रदेश के 21 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। केंद्र के उद्घाटन पर नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह केंद्र समूचे क्षेत्र के किसानों के जीवन में वरदान साबित होगा। किसान इस केंद्र का लाभ उठाएं व अपने जीवन को उन्नत बनाएं।

केंद्र का उद्घाटन करते केंद्रीय कृषि मंत्री।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश में बागवानी की अपार संभावनाओं को देखते हुए यह नया केंद्र इस क्षेत्र में बागवानी के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही, ग्वालियर अंचल में भी ये केंद्र विकास के मायने में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा। नया केंद्र ग्वालियर में खुलने से न केवल ग्वालियर संभाग के किसान, बल्कि उत्तरी मध्य प्रदेश के 21 जिलों के किसान राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एन.एच.बी.)की योजनाओं से लाभान्वित होंगे।

इस केंद्र से जिन 21 जिलों को कवर किया जाएगा, उनमें चंबल, ग्वालियर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग के जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, अशोक नगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, निवारी, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र सहित इन 21 जिलों के बागवानी से जुड़े किसानों को अब भोपाल या दिल्ली जाने-आने की दिक्कत नहीं उठाना पड़ेगी, उनके सारे काम अब ग्वालियर केंद्र में ही संपन्न हो जाएंगे।

तोमर ने कहा कि इसी तरह से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में एक के बाद एक विकास के कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं। शीघ्र ही चंबल क्षेत्र देश में हनी हब के रूप में स्थापित होगा, जिसके लिए आज मुरैना जिले में नेफेड द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के सहयोग से राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन व शहद मिशन (एनबीएचएम) के तहत, शहद और मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रयोगशाला-इकाई का भूमि पूजन किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 10 हजार नए एफपीओ बनाने पर अगले 5 साल में 6,865 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। यह योजना किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। छोटे-छोटे किसानों को एफपीओ से बहुत लाभ होगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री जी ने डेढ़ लाख करोड़ रूपए से ज्यादा राशि के पैकेजों का प्रावधान किया है, जिन पर अमल प्रारंभ हो चुका है। सरकार ने करोड़ों जन-धन बैंक खाते खुलवाएं, 1 लाख करोड़ रुपए का एग्री इंफ्रा फंड भी शुरू किया है।

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