नयी दिल्ली (भाषा)। कृषि क्षेत्र में ऋण उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार आगामी बजट में कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाकर रिकॉर्ड 11 लाख करोड़ रुपए कर सकती है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि ऋण लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। इसमें से पहले छह महीने में सितंबर तक 6.25 लाख करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। सूत्रों ने कहा, सरकार की प्राथमिकता कृषि है। ऐसी संभावना है कि कृषि क्षेत्र के लिए ऋण वितरण लक्ष्य अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए कर कर दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि उच्च कृषि उत्पादन हासिल करने के लिए ऋण महत्वपूर्ण कारक है, संस्थागत ऋण की उपलब्धता से उन्हें मदद मिलेगी और वह गैर-संस्थागत निवेशकों से अनुचित दरों पर ऋण लेने के लिए बाध्य नहीं होंगे।
सामान्यतौर पर कृषि ऋण 9 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध होता है लेकिन सरकार इस पर ब्याज सहायता उपलब्ध कराती रही है। तीन लाख रुपए तक का अल्पकालिक कृषि ऋण सात प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध होता है। सरकार दो प्रतिशत ब्याज सहायता देती है। इसके अलावा समय पर कर्ज लौटाने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अतिरिक्त रियायत मिलती है। इसके बाद वास्तविक ब्याज दर चार प्रतिशत रह जाती है।
ये भी पढ़ें- देश की यह तस्वीर खतरनाक है, वर्ष 2017 में कमाई 73 फीसद सम्पति पर एक फीसद अमीरों का कब्जा
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
सरकार की तरफ से सस्ता कृषि ऋण उपलब्ध कराने पर अपने पैसे का इस्तेमाल करने की स्थिति में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्वित सुविधा के लिए नाबार्ड को सहायता दी जाती है।
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।